गोरखपुर : एक दशक से गरीबों के तेल पर डाका डाला जा रहा है। घटतौली से
लेकर प्रति लीटर अतिरिक्त वसूली का धंधा चोखा है। इस काले कारोबार के सभी
हिस्सेदार हैं। हर माह 26 लाख कार्ड धारकों से एक करोड़ की अतिरिक्त वसूली
हो रही है। अधिक कीमत का विरोध करने वाले को कोटेदार मिट्टी का तेल नहीं
देते और डांट कर भगा देते हैं।
मंडल में 10 लाख 84 हजार 843 बीपीएल व अंत्योदय के कार्ड धारक हैं जबकि
15 लाख 27 हजार 078 एपीएल के कार्ड धारक हैं। कुल 26 लाख 11 हजार 921 कार्ड
धारकों को मिट्टी तेल दिये जाने के आदेश हैं। एजेंसी या डिपो से कोटे की
दुकान करीब होने पर तेल की कीमत प्रति ली.12.50 व दूर होने पर 13.50 रुपये
प्रति लीटर निर्धारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोटेदार 15 रुपये लीटर व
शहरी क्षेत्र में 13 से 14 रुपये लीटर वसूल रहा है। यह स्थिति पूरे गोरखपुर
मण्डल की है।
छानबीन में पता चला कि मुनाफाखोरी थोक एजेंसी से शुरू हो जाती है।
एजेंसी वाले 200 लीटर के ड्रम में 190 लीटर ही तेल भरते हैं। मसलन प्रति
ड्रम 130 रुपये मुनाफा कोटेदार से वसूल लेते हैं। अगर एक एजेंसी से 300
ड्रम मिट्टी तेल बेचा गया तो मुनाफा 39 हजार रुपये हो जाता है। अब 10 लीटर
प्रति ड्रम तेल कम पाने वाला कोटेदार इसकी भरपाई कार्ड धारक से प्रति लीटर
अधिक कीमत वसूल कर पूरी करता है। विभाग के लोग यह सब कुछ जानते हैं पर
कार्रवाई नहीं करते, यह रहस्यमय है।
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अधिक कीमत लेने वाले दण्डित होंगे : प्रभारी जिलापूर्ति अधिकारी
ज्यादा कीमत लेना दंडनीय अपराध है। अधिक कीमत लेने वाले कोटेदारों व
प्रति ड्रम कम तेल देने वाले एजेंसी वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की
जायेगी। ये बातें प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी अमरजीत सिह वैश्य ने कहीं।