बस्तर के आदिवासियों को पाच रुपये किलो चना

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य के आदिवासी बहुल
बस्तर संभाग में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य दुकानों से
गरीबी रेखा श्रेणी के सभी परिवारों को हर महीने प्रति परिवार पाच रुपये में
एक किलो देशी चना देने की घोषणा की है।

सिंह ने शनिवार को राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन सभागृह में
आयोजित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में यह
घोषणा की। क्षेत्र में लगभग पाच लाख परिवारों को इसका लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने गरीबों के लिए चना वितरण की योजना के बारे में बताया कि
राज्य सरकार बाजार से 30 रुपये किलो में चना खरीद कर उसमें अपनी ओर से
लगभग 25 रुपये की सब्सिडी देगी। इस प्रकार गरीबों को 30 रुपये किलो का यह
चना पाच रुपये में मिलेगा। इसका वितरण अगले माह से शुरू किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग में राशन दुकानों से गरीबों को चना
वितरण प्रयोग के तौर पर शुरू किया जाएगा। इसके सफल होने पर राज्य के अन्य
आदिवासी इलाकों में भी इसे लागू किया जाएगा।

रमन सिंह ने कहा कि राज्य में अभी 34 लाख से अधिक गरीब परिवारों को
सिर्फ एक रुपये और दो रुपये किलो में हर महीने 35 किलो किफायती अनाज दिया
जा रहा है। उन्हें दो किलो नि:शुल्क नमक भी बाटा जा रहा है। इसी कड़ी में
बस्तर संभाग में गरीबों को सिर्फ पाच रुपये किलो में देशी चना देने का
निर्णय लिया गया है। देशी चना प्रोटीन से परिपूर्ण होता है। इसलिए यह
कुपोषण मुक्ति में भी सहायक होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में प्राधिकरण क्षेत्र के जिला कलेक्टरों
और आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का
निर्देश दिया गया है कि अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गो
के स्कूली बच्चों को स्थायी जाति प्रमाण पत्र स्कूल स्तर पर जारी किया जाए।

उन्होंने कहा कि इससे 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा उत्तीर्ण करने
के बाद उन्हें इसके लिए भटकना नहीं पड़ेगा, भले ही बाद में इसका सत्यापन
आदिम जाति अनुसंधान संस्थान से करवा लिया जाए, जिससे उन्हें स्कूल स्तर पर
जाति प्रमाण पत्र मिलने पर छात्रवृत्ति आदि कार्यो के लिए आसानी होगी।

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