भोपाल.
मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होने जा रहा हैं, जहां जनगणना के
आंकड़ों को गांव व कस्बों के स्तर तक ऑनलाइन मुहैया कराया जाएगा। यही नहीं
ग्राफ, टेबल, मैप व गूगल सेटेलाइट इमेज के जरिए इन आंकड़ों का ऑनलाइन
विश्लेषण कर गरीबी,साक्षरता,रोजगार,जनसंख्या घनत्व व विकलांगता आदि की
स्थिति भी जानी जा सकेगी।
यदि आप चाहें तो इसमें उपलब्ध
सॉफ्टवेयर के माध्यम से आटोमैटिक पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन, वीडियो या ई-बुक
तैयार कर इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक व यूट्यूब पर शेयर भी कर सकते
हैं।
यूनिसेफ के सहयोग से जनगणना निदेशालय इस प्रोजेक्ट पर काम
कर रहा है। यूनिसेफ इस प्रोजेक्ट को आर्थिक मदद देगा, जबकि जनगणना निदेशालय
इसके लिए डाटा देगा। डेवइंफो कंपनी इसकी वेबसाइट तैयार करेगी।
कंपनी
के मुताबिक इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया गया है। यह सॉफ्टवेयर रैपिड
सर्च तकनीक पर आधारित है। 2011 की जनगणना होने के बाद अप्रैल से इसमें जिला
स्तर तक प्राथमिक जानकारी डाली जाएंगी। करीब डेढ़ साल बाद जनगणना 2011 के
पूरे आंकड़े आने पर गांवों तक की जानकारी डालकर इसे अपडेट किया जाएगा।
ऐसी होगी वेबसाइट
कंपनी
के मुताबिक वेबसाइट को यूजर फ्रेंडली बनाया गया है। इसमें यूजर जो
जानकारी, जिस स्तर से चाहता है, उसे वेबसाइट के सर्च इंजन में डालनी होगी।
इसमें पिछले 50 सालों के डाटा का विश्लेषण वर्तमान डाटा से किया जा सकेगा।
बतौर
उदाहरण यदि कोई भारत में रोजगार की स्थिति जानना चाहे, तो इसमें दिए
मेन्यू पर क्लिक करना होगा। यहां उसे भारत में रोजगार की स्थिति के साथ ही
सभी प्रदेशों की स्थिति जानने का ऑप्शन मिलेगा। यदि दो प्रदेशों के ग्राफ,
टेबल व मैप की तुलना करनी है, तो दोनों राज्यों पर क्लिक करना होगा। यही
स्थिति गांवों के लिए भी लागू होगी।
यूनिसेफ का सहयोग
यूनिसेफ के सहयोग से वेबसाइट तैयार की जा रही है। जनगणना 2011 के बाद इसमें डाटा डालना शुरू करेंगे।""
सचिन सिन्हा,डायरेक्टर,जनगणना
वेबसाइट
में कई फीचर डाले जा रहे हैं। इससे जनगणना से संबंधित सारी जानकारी हासिल
कर विश्लेषण करना आसान होगा। इससे गांवों की सही सूरत जानी जा सकेगी।""
समीर थापर,टेक्नोलॉजी एडवाइजर,डेवइंफो