जज के खिलाफ जन अदालत की धमकी

रायपुर/नई दिल्ली.
छत्तीसगढ़ के डीजीपी विश्वरंजन ने साफ किया कि डॉ. बिनायक सेन के मसले पर
सिविल सोसाइटी के लगातार दबाव के बाद भी उनकी जमानत अर्जी का पुलिस विरोध
करेगी।




नक्सल प्रभावित राज्यों के पुलिस प्रमुखों की बैठक में विश्वरंजन ने दैनिक
भास्कर से कहा, ‘आप देखिए नक्सलियों के तेवर, ओड़ीसा-छत्तीसगढ़ की सीमा पर
उन्होंेने बुधवार को पोस्टर चस्पा कर सेन के पक्ष में फैसला न देने पर
न्यायाधीशों के खिलाफ जन-अदालत लगाने की चुनौती देने की हिमाकत कर रहे
हैं।’उन्होंने जोर देकर कहा कि नक्सलियों से साठगांठ को लेकर सेन के खिलाफ
इतने सबूत हैं कि पीछे हटने का सवाल ही नहीं।




उनका 15 हमारा 12 सौ करोड़ का बजट




डीजीपी ने कहा कि नक्सलियों की उगाही ढाई हजार करोड़ रुपए तक जा पहुंची है।
केवल झारखंड से ही उन्हें 1500 करोड़ रुपए पहुंच रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़
पुलिस के पास केवल 1200 करोड़ रुपए सालाना का बजट है। फंड की कमी के कारण
बेहतर उपकरण खरीदना मुश्किल हो रहा है।




विश्वरंजन ने कहा कि नक्सलियों की सबसे बड़ी ताकत लैंडमाइन है। लैंडमाइन को
पहचानने का स्वचालित वाहन इजराइल ने बनाया है। लेकिन वैसे एक वाहन की कीमत
२क् करोड़ रुपए है। इतने महंगे वाहन की खरीदी फंड की कमी के कारण फिलहाल
संभव नहीं हो सकी है।




सेन परिवार को पूरी सुरक्षा




डॉ. बिनायक सेन की पत्नी इलीना सेन ने छग में जान को खतरा बताया है, इस
सवाल के जवाब में डीजीपी ने विश्वास दिलाया कि रायपुर लौटते ही उन्हें
बेहतर सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्हाेंने कहा, सेन-परिवार के जानमाल की
हिफाजत करना हमारा दायित्व है।

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