किसान संघ की मांगों पर सक्रिय हुई सरकार

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की संस्था भारतीय किसान संघ के तेवरों
को देखते हुए भाजपा सरकार उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सक्रिय हो गई
है। सरकार ने किसानों के खिलाफ दर्ज बिजली चोरी के मामलों के निराकरण के
लिए व्यापक निर्देश जारी कर दिए हैं।

ज्ञातव्य है कि लगभग एक माह पूर्व भारतीय किसान संघ ने भोपाल की सड़कों
पर कब्जा जमाकर सरकार की नींद उड़ा दी थी। लंबी चर्चा के बाद सरकार ने उनकी
मांगे पूरी करने का लिखित आश्वासन दिया था। आश्वासन पूरा करने की धीमी गति
पर संघ ने अपनी निगाहें फिर टेढ़ी कर ली थी। अब सरकार ने उससे साधने की
कोशिश शुरू कर दी है।

सरकार ने विभिन्न विद्युत संबंधी मागों के समाधान के त्वरित निराकरण
के लिए प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को आवश्यक दिशा-निर्देश
जारी किए गए हैं। साथ ही, इसका पालन मैदानी अधिकारियों से सुनिश्चित कराने
को कहा गया है।

शासन ने किसानों के विरुद्ध बिजली चोरी के झूठे, गलत प्रकरण बनाए जाने
की शिकायत प्राप्त होने पर इसकी जाच सक्षम अधिकारी से कराई जाने को कहा है।
कृषकों के विवादित बिलों के संबंध में आवेदन प्राप्त होने पर उनका निराकरण
अधीक्षण अभियंता, मुख्य अभियंता कार्यालय स्तर पर गठित समिति से कराया
जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्युत व्यवधान की अवधि में
बिल की राशि को निरस्त करने तथा भविष्य में भी इस बात को ध्यान में रखते
हुए बिल जारी करने को कहा गया है। साथ ही, किसानों के सिंचाई पम्पों की
क्षमता की गणना उपयुक्त मानक के विद्युत उपकरणों द्वारा ही करने तथा
तदनुसार आकलित बिल जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी सुनिश्चित करने
को कहा गया है कि उपकरणों से की गई पंप की क्षमता की गणना कृषक या उसके
प्रतिनिधि की उपस्थिति में की जाए और इसके अभिलेख रिकार्ड में रखे जाएं।
निजी ट्रासफार्मरों की वैधानिक मान्यता के संबंध में कहा गया है कि ऐसे
ट्रासफार्मरों को नियमित करने के लिए कार्रवाई की जाए तथा ट्रासफार्मर से
संबंधित किसान को कनेक्शन देकर नियमित बिल जारी किया जाना सुनिश्चित किया
जाए। ट्रासफार्मर जलने पर ऑइल तथा क्षतिग्रस्त कलपुर्जे संबंधित विद्युत
वितरण कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए जाएं तथा इसकी कीमत किसानों से वसूल ना
करने के लिए कहा गया है। साथ ही, संभागीय स्तर पर ट्रासफार्मर की पर्याप्त
उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। इसके साथ ही, यदि कृषक द्वारा
आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने एवं ट्रासफार्मर चार्ज करवाने के उपरात
स्वयं उसका रख-रखाव किया जाता है तो इस स्थिति में उस ट्रासफार्मर पर कृषक
की बिना अनुमति के कोई अन्य कनेक्शन नहीं दिया जाए। उपकेन्द्रों एवं वितरण
ट्रासफार्मरों की क्षमता वृद्धि के संबंध में मैदानी स्तर पर अस्थाई
कनेक्शनों की मेपिंग करने को कहा गया है, जिससे वितरण ट्रासफार्मर के भार
का आकलन किया जा सके एवं ओव्हर लोडिंग की स्थिति पर रोक लगाई जा सके। इससे
ट्रासफार्मर जलने और खराब होने की दर में भी कमी लाई जा सकेगी। इस कार्य की
सतत समीक्षा के निर्देश भीदिए गए हैं।

मैदानी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्व-वित्तीय
ट्रासफार्मर योजना के तहत किसानों के आवेदन प्राप्त होने पर प्राक्कलन की
स्वीकृति के लिए प्रकरण को निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करें।

किसान महा पंचायत योजना में स्वीकृत पम्पों के कार्य निर्धारित
समय-सीमा में पूर्ण करने तथा इसके लिए आवश्यक सामग्री की उपलब्धता
सुनिश्चित करने को कहा गया है। मैदानी स्तर पर किसानों की शिकायतों के
निराकरण के लिए रबी मौसम के दौरान स्थापित नियंत्रण कक्ष 24 घटे कार्यरत
रखने तथा दर्ज शिकायतों की दैनिक समीक्षा वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कराये जाने
को कहा गया है। सरकार ने किसानों को निर्धारित अवधि में विद्युत कनेक्शन
दिया जाना सुनिश्चित करने के लिए कहा है। विद्युत प्रदाय की निर्धारित
समयावधि में शट डाउन अथवा मेंटीनेंस का कार्य नहीं करने के निर्देश दिए गए
हैं, जिससे कि विद्युत उपलब्ध होने की स्थिति में किसानों को बिजली उपलब्ध
कराई जा सके।

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