रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में महिला कोष ऋण योजना के तहत महिला स्व सहायता समूहों को 20 करोड़ रुपये ऋण का वितरण किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि राज्य सरकार के महिला व
बाल विकास विभाग द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के तहत
महिला स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न कारोबार के लिए पिछले करीब सात वर्ष
में लगभग 20 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है। इसमें से लगभग दो करोड़
रुपये का ऋण चालू वित्त वर्ष 2010-11 में 750 महिला स्व-सहायता समूहों को
दिया गया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वितरित ऋण राशि की अदायगी में
भी महिला समूह आगे हैं और उनसे ऋण वसूली औसतन 70 प्रतिशत से भी अधिक रही
है।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना के तहत महिला
स्व-सहायता समूहों को पशुपालन, डेयरी, पापड़, आचार और बड़ी उत्पादन तथा उनके
व्यवसाय, मशरूम उत्पादन, आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए पोषण आहार के उत्पादन,
दोनापत्तल निर्माण, राशन दुकानों के संचालन, हस्त-शिल्प और सिलाई-बुनाई
जैसे अनेक आमदनी मूलक कार्यो के लिए ऋण देने का प्रावधान है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा महिला स्व सहायता समूहों को सुलभ ऋण उपलब्ध
कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में यह ऋण योजना संचालित की जा रही है।
योजना के तहत विगत वर्ष 2009-10 से 50 हजार रुपये तक के ऋण स्वीकृत किए जा
रहे हैं जबकि पूर्व में ऋण राशि 20 हजार रुपये तक ही स्वीकृत करने का
प्रावधान था।
योजना में प्रथम बार में 25 हजार रुपये तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है
तथा पहली बार दिए गए ऋण की राशि वापस करने पर दूसरी बार 50 हजार रुपये तक
ऋण स्वीकृत किया जा रहा है। इस योजना के तहत महिला स्व सहायता समूहों को
साढ़े छह प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष
2010-11 में नवंबर तक 750 महिला स्व सहायता समूहों को दो करोड़ रुपये का ऋण
दिया जा चुका है। इस ऋण के द्वारा महिला स्व सहायता समूह अपना स्वयं का
व्यवसाय आरंभ करते हुए आत्म निर्भर बनने की दिशा में कार्य कर रही हैं।