चंडीगढ़.
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा गठित कृषि उत्पादन पर
मुख्यमंत्रियों के कार्य समूह के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह
हुड्डा समूह की रिपोर्ट को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे देंगे। यह फैसला
हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन कार्य समूह की द्वितीय बैठक में लिया
गया। हुड्डा ने सुझाव दिया कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि तंत्र पर
पूरे देश में एक प्रौद्योगिकी मिशन आरंभ करने की आवश्यकता है।
कृषि लागतों और मूल्यों को निर्धारण व खेती की लागत निर्धारित करने के लिए
अपनाई जा रही पद्धति काफी त्रूटिपूर्ण एवं अवैज्ञानिक है। इसे व्यवहारिक
बनाने के लिए इस पर फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है। इसे या तो
औद्योगिकीय लागतों के अनुमानों के लिए औद्योगिकीय लागत एवं मूल्य ब्यूरो की
तर्ज पर अपनाए जा रहे फॉमरूले अनुसार या वैकल्पिक रूप में न्यूनतम समर्थन
मूल्य को खेती की लागत से 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए, ताकि किसानों को
लाभकारी मूल्य मिल सके।
पंजाब के मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि खेती योग्य जमीन की उपलब्धता
निर्धारित है, इसलिए, खाद्यानों के मूल्यों की कमी के लिए उत्पादन बढ़ाने
की आवश्यकता है। उत्पादन में पूर्व की वृद्धि नई तकनीकों के इस्तेमाल से
हुई, और भविष्य में भी यह वृद्धि आवश्यक जलापूर्ति, अन्य कृषि आदानों पर
निर्भर करेगी।
बिहार की कृषि मंत्री डॉ.रेणु कुमारी कुशवाहा ने कहा कि मनरेगा योजना के
क्रियान्वयन के कारण किसान खेती मजदूरों की कमी का सामना कर रहे हैं। योजना
का दायरा बढ़ाकर किसानों के खेतों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा गठित कृषि उत्पादन पर
मुख्यमंत्रियों के कार्य समूह के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह
हुड्डा समूह की रिपोर्ट को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे देंगे। यह फैसला
हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन कार्य समूह की द्वितीय बैठक में लिया
गया। हुड्डा ने सुझाव दिया कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि तंत्र पर
पूरे देश में एक प्रौद्योगिकी मिशन आरंभ करने की आवश्यकता है।
कृषि लागतों और मूल्यों को निर्धारण व खेती की लागत निर्धारित करने के लिए
अपनाई जा रही पद्धति काफी त्रूटिपूर्ण एवं अवैज्ञानिक है। इसे व्यवहारिक
बनाने के लिए इस पर फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है। इसे या तो
औद्योगिकीय लागतों के अनुमानों के लिए औद्योगिकीय लागत एवं मूल्य ब्यूरो की
तर्ज पर अपनाए जा रहे फॉमरूले अनुसार या वैकल्पिक रूप में न्यूनतम समर्थन
मूल्य को खेती की लागत से 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए, ताकि किसानों को
लाभकारी मूल्य मिल सके।
पंजाब के मुख्यमंत्री बादल ने कहा कि खेती योग्य जमीन की उपलब्धता
निर्धारित है, इसलिए, खाद्यानों के मूल्यों की कमी के लिए उत्पादन बढ़ाने
की आवश्यकता है। उत्पादन में पूर्व की वृद्धि नई तकनीकों के इस्तेमाल से
हुई, और भविष्य में भी यह वृद्धि आवश्यक जलापूर्ति, अन्य कृषि आदानों पर
निर्भर करेगी।
बिहार की कृषि मंत्री डॉ.रेणु कुमारी कुशवाहा ने कहा कि मनरेगा योजना के
क्रियान्वयन के कारण किसान खेती मजदूरों की कमी का सामना कर रहे हैं। योजना
का दायरा बढ़ाकर किसानों के खेतों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।