हैदराबाद। आपदा प्रभावित किसानों के मुआवजे को बढाने की राज्य सरकार से
मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू
नायडू की गुरुवार को उनकी हालत और ज्यादा खराब होने के बाद एक अस्पताल के
आईसीयू में भर्ती कराया गया। वहीं मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने आपदा
प्रभावित किसानों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि बढ़ाने से इंकार कर दिया
है।
आंध्र प्रदेश में विपक्षी पार्टियां सात दिन से आमरण अनशन पर बैठे
नायडू की इस हड़ताल को खत्म करने के लिए तमाम तरह के प्रयास करती दिखीं।
यहां तक की किरण के कैबिनेट के सदस्य भी नायडू की मुखालफत करते दिखे।
जब पूर्व मुख्यमंत्री की तबीयत और ज्यादा बिगड़ी तो उन्हें चिकित्सकों और
पुलिस ने निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया।
इससे पहले आज दोपहर आयोजित सर्वदलीय बैठक में विपक्षी पार्टियां प्रजा
राज्यम, भाकपा, माकपा, भाजपा, लोक सत्ता, मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन और
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने मुख्यमंत्री पर नायडू की मांगों को मानने का
दबाव बनाया लेकिन किरण अपने रुख पर कायम रहे और कहते रहे कि ‘हमारे पास धन
नहीं है।’
मुख्यमंत्री ने विपक्षी पार्टियों से कहा, ‘राज्य सरकार प्रति हेक्टेयर
2000 रुपए दे रही है जोकि केंद्र से मिलने वाले मुआवजे से अधिक है। हमनें
केंद्र को लिखा है कि वह मुआवजे की राशि बढाकर प्रति हेक्टेयर 8000 रुपए कर
दे। जितनी घोषणा हो चुकी है उससे अधिक हम नहीं दे सकते।’
इसके बाद विपक्ष ने सरकार से प्रति हेक्टेयर 8000 रुपए देने को कहा
जिसे मुख्यमंत्री ने नामंजूर कर दिया। मुख्यमंत्री किरण रेड्डी ने विपक्षी
दलों से कहा, ‘हमारे पास पैसे नहीं हैं।’ जिसके बाद विपक्षी दल सरकार के
हठी रुख के खिलाफ बैठक से बहिर्गमन कर गए।
सर्वदलीय बैठक से बहिर्गमन करने के बाद तेदेपा, भाकपा और माकपा के
नेताओं ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुख्यमंत्री ने सिर्फ उन बातों को दोहराया
जो उन्होंने विधानसभा में कही थी और किसानों के लिए मुआवजे की राशि को
बढ़ाने की बात दृढ़ता से खारिज कर दी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास राहत
की राशि बढ़ाने के लिए धन नहीं है। संकट का समाधान करने का स्पष्ट तौर पर
सरकार का मन नहीं है।’
तेदेपा पोलितब्यूरो के सदस्य यानामला रामाकृष्णानायडू ने कहा, ‘वह ऐसे
बोल रहे हैं जैसे राशि उन्हें जेब से देनी हैं। उन्हें यह मालूम होना चाहिए
कि यह लोगों का ही धन है जो संकट के समय उन्हें लोगों के लिए खर्च करना
है। वह हमारी पार्टी के लिए फंड नहीं दे रहे हैं।’
प्रजा राज्यम के अध्यक्ष के. चिंरजीवी ने कहा कि सरकार को राहत पैकेज
की समीक्षा करनी चाहिए और आपदा प्रभावित किसानों के मुआवजे को बढ़ाना
चाहिए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के ई राजेंद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री को
व्यक्तिगत तौर पर नायडू से मिलकर अनशन खत्म करने को कहना चाहिए।
किरण के रवैए से कैबिनेट के उनके सहयोगी भी असमंजस में दिखे। सर्वदलीय
बैठक से तीन मंत्री बीच में ही उठकर बाहर चले गए। बैठक में 11 मंत्रियोंको
बुलाया गया था जिसमें केवल छह ही उपस्थित हुए।