हैदराबाद। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन सी रंगराजन
ने कहा है कि सूक्ष्म वित्त संस्थानों [एमएफआई] के ब्याज दर मार्जिन पर
अंकुश होना चाहिए और इनकी सीमा तय होनी चाहिए। इससे पहले रंगराजन ने कहा था
कि एमएफआई को अपने खामियों वाले कारोबारी माडल में सुधार करना चाहिए।
यहां एक कार्यक्रम के मौके पर रंगराजन ने संवाददाताओं से कहा, कि
एमएफआई का मार्जिन की सीमा तय होनी चाहिए, जिससे यह बहुत ऊंची नहीं पहुंचे।
मार्जिन इतना जरूर होना चाहिए जिससे लेनदेन की लागत तथा जोखिम को कवर किया
जा सके। हालांकि, उन्होंने इस तरह की सीमा के लिए कोई संख्या नहीं बताई।
रंगराजन ने कहा कि यह सूक्ष्म वित्त संस्थानों की ऋण लेने तथा ऋण देने की
दर के आधार पर तय होगी। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सूक्ष्म वित्त संस्थानों
पर गठित मालेगाम समिति की रिपोर्ट में आंध्र प्रदेश सरकार ने जिस ब्याज दर
का सुझाव दिया है, उसके बारे में पूछे जाने पर रंगराजन ने कहा कि इस
रिपोर्ट का समिति को अध्ययन करना है।
इससे पहले उन्होंने कहा कि सूक्ष्म वित्त संस्थानों के कारोबारी माडल में बदलाव किए जाने की जरूरत है।