कर्जदार किसान ने आत्महत्या की

जागरण ब्यूरो, भोपाल। कर्ज लेकर खेती करने वाले एक किसान की फसल खराब
हो गई तो उसने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मामला बुंदेलखण्ड के
दमोह जिले का है।

जानकारी के अनुसार तेजगढ़ क्षेत्र के हर्रई गाव निवासी नंदकिशोर यादव
की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई। मृतक के भाई राजाराम यादव बताया कि
नंदकिशोर ने ठेके पर खेत लिया था और कर्ज लेकर अरहर की खेती की थी। लेकिन
फसल बिगड़ने के कारण वह कई दिनों से परेशान था।

राजाराम ने बताया मंगलवार को सुबह हम दोनों भाई खेत में दवा छिड़कने के
बाद शाम को घर लौटे। रात 8 बजे नंदकिशोर को उल्टिया हुईं। उसे जिला अस्पताल
ले जाया जहां, देर रात उसका दम निकल गया। राजाराम ने पुलिस को बताया कि
नंदकिशोर ने 15 एकड़ जमीन 25 हजार रूपए में ठेके पर व एक एकड़ जमीन बंटाई पर
ली थी। इसके अलावा खाद, बीज और कीटनाशक दवाएं उधार ली थीं।

नंदकिशोर को चिंता थी कि यदि फसल खराब हो गई तो वह कर्ज कैसे चुकाएगा?
इस मामले में नायब तहसीलदार अशोक सोनी ने फसल का पंचनामा बनाकर परिजनों के
बयान दर्ज किए हैं।

अक्टूबर में भी एक किसान ने की थी आत्महत्या

अक्टूबर में रायसेन जिले के ग्राम ताजपुर निवासी 70 वर्षीय वीरेन्द्र
सिंह यादव ने भी सल्फास खाकर अपनी जान दे दी थी। मृतक के परिजनों ने
वीरेन्द्र सिंह की मौत का कारण कर्ज बताया था। हालांकि प्रशासन का कहना था
कि लम्बी बीमारी के चलते उसने यह कदम उठाया था।

मृतक के पुत्र चंदनसिंह यादव का कहना था कि 35 बीघा जमीन में सात
क्विंटल सोयाबीन बोया गया था, लेकिन कटाई के बाद पैदावार सिर्फ आठ क्विंटल
हुई। इस बात से उसके पिता परेशान थे क्योंकि 40 हजार रूपए बैंक कर्ज था और
20 हजार रूपए साहूकारों को देना था। इससे वह परेशान थे।

चार माह में चार किसानों की आत्महत्या तो सरकार ने भी मानी

चार माह के भीतर चार किसानों द्वारा आत्महत्या करने की बात तो सरकार भी
कबूल कर चुकी है। राज्य विधानसभा के पिछले सत्र में कांग्रेस विधायक
रामनिवास रावत के एक प्रश्न के उत्तार में गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने
बताया कि 16 जून से लेकर 5 नवम्बर 2010 के बीच उज्जैन और रायसेन में एक-एक
और भोपाल में दो किसानों ने आत्महत्या की थी। यद्यपि सरकार ने उज्जैन के
प्रकरण को छोड़कर आत्महत्या की वजह गरीबी, भुखमरी या कर्ज को नहीं माना था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *