घर में अनाज नहीं था मर गया बीमार गुरुचरण
मनोज जायसवाल
खूंटी : अड़की प्रखंड के चैनपुर गांव में गुरुचरण मुंडा (28) की मौत हो गयी. घर में कुछ नहीं था. बीमार था.खाने के लाले थे. किसी तरह चकवड़ का साग खाकर पेट भरता था. ग्रामीणों के अनुसार, गुरुचरण कांची नदी से बालू उठाने का काम करता था. प्रतिदिन 30 से 40 रुपये मिल जाते थे. पर 22 अक्तूबर को वह बीमार हो गया. इसके बाद से घर में खाने के लाले पड़ गये. पत्नी पणी देवी ने बताया 25 अक्तूबर को ही गुरुचरण ने दमतोड़ दिया.पति कमाता था, तो चूल्हा जलता था.
उसके बीमार होने के दो दिन बाद से घर में अनाज का एक दाना नहीं बचा था. परिजनों के अनुसार, गुरुचरण की पिछले वर्ष ही शादी हुई थी. शादी के बाद से वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहता था. पणी देवी ने बताया पति ने लाल व पीला कार्ड के लिए कई बार अड़की प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाया. पर कुछ नहीं मिला. यदि समय पर लाल कार्ड मिल जाता, तो मेरे पति की मौत नहीं होती.
पत्नी पणी की हालत खराब है. खाने के लिए घर में कुछ भी नहीं है. बगल के घर में रह रहे पिता दलगोविंद सिंह ने बताया 25 डिसमिल जमीन है. पर सुखाड़ के कारण खेती नहीं हो पायी. लाल कार्ड है. प्रतिमाह 25 किलो चावल मिलता है. उसी से पत्नी व एक अन्य छोटे बच्चे का पेट पालता हूं.सरकार के लिए शर्म की बात है. भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए गरीबों को लाल व पीला कार्ड शीघ्र मिलना चाहिए.- डोमन सिंह, ग्रामीण
गोदाम में सड़ गये 301 बोरे चावल
जीतेंद्र कुमार
अनगड़ा : अनगड़ा के सरकारी गोदाम में रखे गये 301 बोरे चावल सड़ गये. ये गरीबों के लिए थे. पर लापरवाही के कारण गरीबों के बीच नहीं बांटे जा सके. पंचायत चुनाव के लिए बुधवार को मतपेटियां निकाली जा रही थी. इस दौरान लोगों की नजर इस पर पड़ी. चावल पूरी तरह सड़ चुके थे. काले हो गये थे. चूहों ने इन्हें बरबाद कर दिया था. प्रखंड के कर्मचारी गोदाम में रखे अनाज को देख कर दंग रह गये.
जानकारी के अनुसार, चावल 2005-06 में संपूर्ण ग्रामीण विकास योजना व सुनिश्चित रोजगार योजना के तहत गरीबोंके बीच बांटने के लिए मंगाये गये थे. पांच साल बीत जाने के बाद भी इसे गरीबों में नहीं बांटा गया. जबकि प्रखंड के हजारों गरीब अनाज के लिए चक्कर लगाते रहे. बताया जाता है कि अभियंताओं की ओर से एमबी नहीं जमा करने व अधिकारियों की ओर से परमिट निर्गत नहीं किये जाने के कारण इस अनाज का आवंटन नहीं किया जा सका.
प्रखंड के सहायक लिपिक ने बताया कि इस मामले की सूचना डीसी व डीडीसी को दी गयी थी. पर उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया. गोदाम की जर्जर हालत के कारण अनाज रखे-रखे सड़ गया.बीच में एमडीएम मद में चावल की कमी हो गयी थी. यदि उस वक्त भी यहां से चावल निकाला लिये जाते, तो गरीबों के हक में होता. पर इस पर किसी ने गंभीरता नहीं बरती.- रामनाथ राम , कल्याण पदाधिकारी