अधिक मात्रा में सस्ते राशन लेने के लालच में बनाए जा रहे फर्जी राशन
कार्ड की संख्या पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने नियम और शर्ते और सख्त कर
दी हैं। अब दूसरे राज्य से आने वाले लोग संबंधित पंचायत से पैड पर नाम कटवा
कर लाने पर ही हिमाचल में राशन कार्ड के आवेदन कर सकते हैं। राशन कार्ड
जारी करने से पहले विभाग आवेदनकर्ता द्वारा जमा किए गए रिकार्ड की छानबीन
के बाद ही राशन कार्ड जारी करेगा। यह शर्त हिमाचल के लोगों पर भी लागू
होंगी। जो स्थानातंरण होने पर दूसरी जगह पर कार्ड के लिए आवेदन करते हैं।
सादे कागज में नाम कटवा कर लाने वाले व्यक्ति का दूसरे स्थान पर अब राशन
कार्ड नहीं बनेगा। इसके लिए आवेदन कर्ता को संबंधित पंचायत के पैड पर पूरे
विवरण के साथ नाम कटवाकर लाना पड़ेगा। यह निर्णय सब्सिडी के बाद प्रदेश
में हजारों की संख्या में बने राशन कार्डो को देखते हुए लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि 31 अगस्त 2010 तक जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश
में कार्ड धारकों की संख्या 16 लाख 11 हजार 410 तक पहुंच गई है, जबकि
अप्रैल 2007 में यही संख्या 14 लाख 03 हजार 334 थी। यानी अप्रैल 2007 में
सरकार द्वारा खाद्य पदार्थो पर सब्सिडी योजना शुरू किए जाने के बाद से अब
तक प्रदेश में 2 लाख 08 हजार 076 नए राशन कार्ड बने हैं। यह सभी राशन कार्ड
एपीएल परिवारों के बने हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एंव उपभोक्ता मामले
विभाग मंत्री रमेश धवाला ने माना है कि फर्जी राशन कार्डो पर चेक रखने के
लिए दूसरे राज्य से आने वाले लोगों को संबंधित पंचायत के पैड पर ही नाम
कटवा कर लाने पर ही कार्ड के लिए आवेदन स्वीकार होगा। उनका कहना है कि
कार्ड बनाने से पहले जिला के संबंधित अधिकारी आवदेनकर्ता द्वारा जमा किए गए
फार्म की छानबीन करेंगे। इसके बाद ही अधिकारी नया कार्ड जारी किया जाएगा।
फर्जी कार्ड बनने का अंदेशा :
प्रदेश में अभी सादे कागज पर प्रधान या पंचायत सचिव मोहर सहित हस्ताक्षर
पर राशन कार्ड जारी किया जाता है। सादे कागज पर न तो पंचायत प्रधान या
पंचायत सचिव का न तो पूरा नाम पता और न ही टेलीफोन नंबर दर्ज होता है। इससे
आवेदनकर्ता द्वारा जमा किए गए फार्म का सही या गलत होने प्रमाण नहीं मिल
पाता था, लेकिन पैड पर नाम कटवाकर लाने से आवेदनकर्ता द्वारा जाम किए गए
प्रमाण की सही तरह से छानबीन की जा सकती है। विभाग का मानना है कि इससे
फर्जी राशन कार्डो की संख्या पर अंकुश लगेगा।
प्रति कार्ड 65 रुपये का नुकसान :
प्रदेश सरकार अप्रैल 2007 से डिपुओं के माध्यम से विभिन्न किस्म की तीन
दालें, खाद्य तेल व नमक सस्ते दामों पर उपलब्ध करवा रही है। इन सभी खाद्य
पदार्थो पर प्रति कार्ड सरकार 65 रुपये की सब्सिडी वहन कर रही है। इसे
अलावा डिपुओं में प्रति माह सस्ते दामों पर दिए जा रहे चावल आटे और चीनी की
/>
मात्रा अलग से है। उपभोक्ताओं को प्रति माह 9 किलो चावल, 18 किलो आटा व
700 ग्राम चीनी सस्ते दामों पर दी जा रही है।