रांची। सूबे में वर्षा और बुआई की स्थिति के आकलन के बाद शासन ने बारह
जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है। मंगलवार को राज्य परामर्शी परिषद
की बैठक में यह निर्णय लिया गया। सूखग्रस्त जिलों में व्यापक स्तर पर राहत
कार्य चलाने के निर्देश दिये गये हैं। राहत कार्यो पर होने वाला खर्च का
वहन आपदा कोष करेगा। इस मद में 390 करोड़ रुपये उपलब्ध हैं। इसके अलावा होने
वाले खर्च का आकलन किया जा रहा है, जिसके लिए राशि की मांग केन्द्र सरकार
से की जाएगी। विभागों द्वारा चलाई जाने वाली योजनाएं विभागीय स्तर पर चलाई
जाएंगी। सूखाग्रस्त घोषित जिलों में लातेहार, रामगढ़, चतरा,
सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, पूर्वी सिंहभूम, जामताड़ा, पलामू, धनबाद, बोकारो,
रांची तथा गिरिडीह शामिल हैं। समीक्षा में पाया गया कि इन जिलों में वर्षा
का औसत व बुआई पचास प्रतिशत से कम हुई है।
राहत के उपाय
-वैकल्पिक फसलों व दलहन के बीजों व खाद का वितरण
-रोजगार सृजन के लिए सड़कों के किनारे वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण
-श्रमिकों को मजदूरी का नियमित भुगतान
-जनवितरण प्रणाली को दुरुस्त करना
-वृद्धावस्था व विधवा पेंशन का समय पर भुगतान
-अन्नपूर्णा व अंत्योदय योजना पर जोर
-समेकित बाल विकास योजना का सुदृढ़ीकरण
-बड़ी संख्या में चेकडैम का निर्माण
-बड़ी संख्या में चापाकलों को लगाना व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराना
-प्रत्येक पंचायत की एक जनवितरण प्रणाली दुकान में दस क्विंटल अनाज की व्यवस्था
-हर जिले में चारे और दवाओं की उपलब्धता
-चिकित्सकों की उपलब्धता