नई दिल्ली। देश के मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने कहा कि पेट्रोलियम
ईधनों की कीमत में वृद्धि से मुद्रास्फीतिक दवाब बढ़ेगा और भारतीय रिजर्व
बैंक को इसके असर को कम करने के लिए कड़े उपाय करने होंगे।
सांख्यिकी दिवस समारोह के मौके पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आप
पहले से मुद्रास्फीतिक प्रक्रिया में हैं। गैर-खाद्य मुद्रास्फीति बढ़ रही
है। ऐसी स्थिति में यह [ईधन कीमत में वृद्धि] मुद्रास्फीति की प्रक्रिया और
मजबूत हो सकती है।
सरकार ने पिछले शुक्रवार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 3.73
रुपये और दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की है तथा रसोई गैस के दाम को 35
रुपये प्रति सिलिंडर बढ़ाया है। मुद्रास्फीति जहां 10 प्रतिशत के आसपास है
वहीं खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 12 जून को समाप्त सप्ताह में 16.9
प्रतिशत के आसपास मंडराने लगी है।
सेन ने कहा कि न तो वित्त मंत्रालय ने न ही भारतीय रिजर्व बैंक ने कोई
मजबूत मुद्रास्फीति.रोधी उपाय किए हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही या देर से
यह उपाय किए जाने हैं।
रिजर्व बैंक की 27 जुलाई को निर्धारित नीतिगत समीक्षा बैठक से पहले
उसके द्वारा सख्त मौद्रिक उपाय किए जाने की संभावना के बारे में उन्होंने
कहा कि यह सब रिजर्व बैंक पर निर्भर करता है।