प्रधानमंत्री के विशेष विमान से। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार
को कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि भोपाल गैस
रिसाव मामले में यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वारेन एंडरसन के
प्रत्यर्पण के लिए अमेरिका और अधिक अनुकूल रवैया अपनाए।
टोरंटो से लौटते समय अपने साथ यात्रा कर रहे संवाददाताओं को मनमोहन ने
बताया कि उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग ओबामा से अपनी मुलाकात के
दौरान यह मुद्दा नहीं उठाया। मनमोहन ने सवालों के जवाब में कहा कि हमारा
रुख वही है। हम सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी सरकार प्रत्यर्पण को लेकर और
अनुकूल रवैया अपनाए लेकिन अभी हमने उनसे संपर्क नहीं किया है। राष्ट्रपति
ओबामा से बातचीत में मैंने यह मुद्दा नहीं रखा।
दिसंबर 1984 की इस भयावह घटना में एंडरसन को जाने देने की जिम्मेदारी
पर सरकार और कांग्रेस के अस्पष्ट रुझान पर उन्होंने कहा कि वास्तविकता क्या
है। हम कुछ छिपा नहीं रहे हैं। प्रधानमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय पर आई है
जबकि इस बात को लेकर विवाद चल रहा है कि भोपाल गैस रिसाव की घटना में
एंडरसन को गिरफ्तार करने के बाद भारत से जाने देने के लिए कौन जिम्मेदार
है।
89 वर्षीय एंडरसन को भोपाल की एक अदालत ने मामले में भगोड़ा घोषित किया
था। फिलहाल वह न्यूयॉर्क के बाहरी इलाके में रहता है। प्रधानमंत्री ने कहा
कि मेरा मानना है कि मंत्रियों के समूह ने रिकार्ड देखा है। किसने फैसला
किया था, इस बारे में निश्चित जानकारियों से उन्हें कुछ पता नहीं चला है।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह सरकार, राजनीतिक तंत्र और न्यायपालिका की
सामूहिक नाकामी नहीं थी, इस पर उन्होंने कहा कि मंत्रिसमूह द्वारा स्पष्ट
कर दिया गया है कि सरकार ने क्या करने का प्रस्ताव दिया था। मंत्रिसमूह की
रिपोर्ट का समर्थन मंत्रिमंडल ने भी किया है।
उन्होंने कहा कि यह तथ्य है, यह सचाई है कि हमारी न्यायिक प्रक्रिया
में समय लगता है। मामले में फैसले में 25 साल लग गए, जिससे हमारी
न्यायपालिका के बारे में पता चलता है।
कैबिनेट विस्तार पर सवालों के जवाब टाल गए मनमोहन:
प्रधानमंत्री से इस बार भी वही सवाल पूछा गया और उन्होंने उसका इस बार
भी वही जवाब दिया। टोरंटो में जी 20 शिखर बैठक में भाग लेकर लौट रहे
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से एक संवाददाता ने संसद के करीब आते मानसून सत्र
के मद्देनजर मंत्रिमंडल विस्तार की योजनाओं के बारे में जानना चाहा। इसके
जवाब में मनमोहन ने कहा कि जहां तक मानसून सत्र और कैबिनेट फेरबदल की बात
है, मुझे लगता है कि यह प्रेस कांफ्रेंस मंत्रिमंडल में फेरबदल की घोषणा
करने का उचित स्थान नहीं है। जब भी ऐसा किया जाएगा तो आपको पता चल जाएगा।
मनमोहन को आतंकवाद पर पाक के रुख में बदलाव की उम्मीद :
मनमोहन सिंह ने आज कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अपनी जमीन से भारत के
खिलाफ चलाए जा रहे आतंकवाद से मुकाबले के मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख में
बदलाव आएगालेकिन इसके लिए ‘वेट एंड वाच’ की नीति अपनानी होगी।
टोरंटो में आयोजित जी-20 सम्मेलन में शिरकत कर स्वदेश लौटने की राह में
अपने साथ मौजूद संवाददाताओं से प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते गृह
मंत्री पी चिदंबरम पाकिस्तान में थे। आपने जरूर पढ़ा होगा कि उन्होंने क्या
कहा। मैं सोचता हूं कि कुछ उम्मीद है। जैसा कि मैंने कहा है कि पाकिस्तान
से बातचीत के वक्त हमें अपना रवैया विश्वास का रखना है लेकिन यह विश्वास
परखा हुआ होना चाहिए। इसलिए सिर्फ वक्त ही बताएगा कि उूंट किस करवट बैठेगा।