पटना ग्रामीण इलाकों के लिए यह खबर राहत देने वाली है। जिन
गांवों में बिजली नहीं है वहां सरकार सौर ऊर्जा के सहारे मिनी पाइप
जलापूर्ति योजना प्रारंभ करने जा रही है। ऐसी छोटी योजनाएं काम्पैक्ट होंगी
जो पंचायतों द्वारा आसानी से संचालित की जा सकती है। योजना के सफल संचालन
पर मेन्टेनेंस के लिए इसका लाभ उठाने वाले परिवारों से पंचायतें जलकर भी
वसूलेंगी।
अभी तक ग्रामीण इलाकों में सामान्यत: चापाकलों के जरिए ही पेयजल
व्यवस्था है। सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत 12 जिलों
के ग्रामीण इलाकों जहां बिजली नहीं है, ग्रामीणों को सोलर पंप या ऊर्जा के
अन्य वैकल्पिक स्रोत पर आधारित पंप के साथ 165 मिनी पाइप जलापूर्ति के लिए
32.32 करोड़ रुपये की योजना बनायी है। इसे दो साल में पूरा करने का लक्ष्य
निर्धारित किया गया है।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अनुसार इस योजना के संचालन एवं
रख-रखाव का दायित्व पंचायतों का होगा। योजना के सफल संचालन पर मेन्टेनेंस
के रूप में ग्रामीणों को टैक्स भी देना होगा। हालांकि कुछ चयनित इलाकों में
ही जलकर लगेगा।
योजना के संचालन और मरम्मत आदि के लिए प्रारंभ में पंचायतों को योजना के
प्रारंभ में एकमुश्त राशि दे दी जायेगी। मगर सामान्य दैनिक संचालन एवं
मेंटेनेंस खर्च के लिए व्यवस्था जलकर से करनी होगी।