जयपुर | सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि सरकार गांव, गरीब के
उत्थान के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। साथ ही पिछड़ों को सामाजिक
न्याय, सुरक्षा एवं उनके चहुंमुखी विकास के साथ मुख्यधारा में लाने का
हरसंभव प्रयास में जुटी है। रविवार को उदयपुर में राजस्थान भील समाज विकास समिति के
तत्वावधान में आयोजित आदिवासी भील समाज के 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन के
शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए गहलोत ने राज्य में आदिवासी
उत्थान का जिक्र करते हुए कहा कि वन भूमि पर काबिज जनजातियों को मालिकाना
हक देने की दिशा में 60 हजार प्रकरणों के निस्तारण की पहल हुई। इनमें 30
हजार परिवारों को पट्टे दिए भी जा चुके हैं। शेष मामलों में भी त्वरित
कार्रवाई की जा रही है। आदिवासी समुदाय को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध हो
सकें इसके लिए जोधपुर में छात्रावास बन चुका है। बिखरी आबादी के लिए
छात्रावासों की उपलब्धता राज्य के अन्य संभागों में भी हो सके इसके भी
प्रबंध सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कृषि उपज की आधुनिकतम तकनीक का लाभ
गांवों में दिलाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्नत बीज गांवों
में गरीब किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं। इससे दोगुनी उपज के साथ ही
गरीब का आर्थिक स्तर सुधरेगा। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर, संचार माध्यमों का
त्वरित विकास, आधुनिक कृषि तकनीक, सड़क, शिक्षा, सूचना क्रांति एवं रोजगार
के बढ़ते संसाधन उन्हीं के दूरदर्शी प्रयासों की देन हैं। विकास की इस
धारा से जुड़ने के लिए जरूरी है कि गांव का हर तबका शिक्षा से जुड़े। सरकार
ने सुदूर क्षेत्रों में कॉलेज, छात्रावास खोले हंै, वहां बच्चों को पढ़ाने
का संकल्प ग्रामीणों को लेना होगा। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं
पंचायती राज मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी ने ग्रामीणों से अशिक्षा रूपी कलंक को
धोने का संकल्प लेने की बात कही और कहा कि व्यवसायोन्मुखी पाठ्यक्रमों से
जुड़कर बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन को दूर किया जा सकता है।
उत्थान के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। साथ ही पिछड़ों को सामाजिक
न्याय, सुरक्षा एवं उनके चहुंमुखी विकास के साथ मुख्यधारा में लाने का
हरसंभव प्रयास में जुटी है। रविवार को उदयपुर में राजस्थान भील समाज विकास समिति के
तत्वावधान में आयोजित आदिवासी भील समाज के 5वें राष्ट्रीय अधिवेशन के
शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आए गहलोत ने राज्य में आदिवासी
उत्थान का जिक्र करते हुए कहा कि वन भूमि पर काबिज जनजातियों को मालिकाना
हक देने की दिशा में 60 हजार प्रकरणों के निस्तारण की पहल हुई। इनमें 30
हजार परिवारों को पट्टे दिए भी जा चुके हैं। शेष मामलों में भी त्वरित
कार्रवाई की जा रही है। आदिवासी समुदाय को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध हो
सकें इसके लिए जोधपुर में छात्रावास बन चुका है। बिखरी आबादी के लिए
छात्रावासों की उपलब्धता राज्य के अन्य संभागों में भी हो सके इसके भी
प्रबंध सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कृषि उपज की आधुनिकतम तकनीक का लाभ
गांवों में दिलाने के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्नत बीज गांवों
में गरीब किसानों को मुहैया कराए जा रहे हैं। इससे दोगुनी उपज के साथ ही
गरीब का आर्थिक स्तर सुधरेगा। उन्होंने कहा कि कंप्यूटर, संचार माध्यमों का
त्वरित विकास, आधुनिक कृषि तकनीक, सड़क, शिक्षा, सूचना क्रांति एवं रोजगार
के बढ़ते संसाधन उन्हीं के दूरदर्शी प्रयासों की देन हैं। विकास की इस
धारा से जुड़ने के लिए जरूरी है कि गांव का हर तबका शिक्षा से जुड़े। सरकार
ने सुदूर क्षेत्रों में कॉलेज, छात्रावास खोले हंै, वहां बच्चों को पढ़ाने
का संकल्प ग्रामीणों को लेना होगा। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं
पंचायती राज मंत्री डॉ. सी.पी. जोशी ने ग्रामीणों से अशिक्षा रूपी कलंक को
धोने का संकल्प लेने की बात कही और कहा कि व्यवसायोन्मुखी पाठ्यक्रमों से
जुड़कर बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन को दूर किया जा सकता है।