नई दिल्ली। देश के आधे भूभाग में सक्रिय होने के बाद दक्षिण-पश्चिम
मानसून थोड़ा कमजोर पड़ गया है। अगले हफ्ते तक इसमें कोई बड़ा बदलाव होने की
उम्मीद नहीं है। इस वजह से राजधानी दिल्ली समेत पश्चिमोत्तर भारत को छिटपुट
बारिश से ही संतोष करना पड़ सकता है। झारखंड और बिहार में मानसून सक्रिय
है। इसे शुक्रवार को उत्तर प्रदेश पहुंचना था लेकिन कमजोर होने कारण पिछले
कुछ दिनों से मानसून मध्य भारत में ही सक्रिय है।
हालांकि पिछले हफ्ते दक्षिणी प्रायद्वीप में व्यापक क्षेत्र में बारिश
हुई और मानसून ने तय तिथि से तीन दिन पीछे चलते हुए करीब आधे भारत में अपना
रंग दिखाया। मौसम कार्यालय का कहना है कि इस सप्ताह मानसून की अस्थायी तौर
पर कमजोर रहने की ही संभावना है। पश्चिमी तटीय इलाके, कोंकण, गोवा और तटीय
कर्नाटक व पूर्वोत्तर के राज्यों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में
हल्की बारिश होगी। मौसम कार्यालय ने यह भी कहा है कि पूर्वी और मध्य भारत
में अगले हफ्ते तक मानसून बहुत सक्रिय नहीं होगा। प्रायद्वीपीय और मध्य
भारत में 17 जून तक बड़े पैमाने पर बारिश होने से मौसमी बारिश की कमी पिछले
हफ्ते 7 फीसदी से घटकर 3 फीसदी रह गई।
पुणे स्थित राष्ट्रीय जलवायु केंद्र के निदेशक डी. शिवानंद पई ने कहा
कि 18 जून तक देश में सामान्य बारिश की 97 फीसदी बारिश हुई है। मध्य और
उत्तर पूर्वी भारत में अच्छी बारिश हो रही है। मानसून की भविष्यवाणी करने
वाले दल के प्रमुख पई ने कहा कि मानसून पिछड़ रहा है। मौसम कार्यालय का कहना
है कि मानसून के मजबूती पकड़ने और इसके टिकाऊ होने की संभावना 25 जून के
बाद ही है। इस वजह से पूर्वी और मध्य भारत में बारिश की अधिक सक्रियता
देखने को मिल सकती है। देश में 1 से 17 जून के बीच कुल मिलाकर 71.6
मिलीमीटर बारिश हुई। पई ने कहा कि अगले तीन दिनों में मानसून मजबूती पकड़ेगा
और उसके बाद वह उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।