भूख से हुई एक की मौत

उदयपुर. कोटड़ा के झेर गांव में एक साल में हुई भूख से मौतों के
मामले में प्रशासन ने मान लिया है कि एक जने की भूख से मौत हुई है। बाकी
सभी मौतें बीमारी व अन्य कारणों से हुई थी। कलेक्ट्री परिसर में रविवार को
सांसद किरोड़ीलाल मीणा के सवालों में प्रशासनिक अधिकारी उलझ गए।

इस दौरान जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्रसिंह शेखावत
ने बताया कि झेर में एक परिवार के लोगों ने बताया कि परिवार के एक सदस्य की
भूख से मौत हुई है। कलेक्टर ने वादा किया कि अगले कुछ ही दिनों में झेर व
आसपास क्षेत्रों में सभी व्यवस्थाएं दुरस्त हो जाएंगी। मीणा ने कलेक्टर से
सोमवार दोपहर दो बजे तक जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने
पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। आदिवासियों के साथ मीणा का पड़ाव
रविवार को भी जारी रहा।

स्वयंसेवी संगठनों पर भी उठाए सवाल

सांसद किरोड़ीलाल
मीणा ने कोटड़ा में काम करने वाले स्वयं सेवी संगठनों की कार्रवाई पर सवाल
खड़े किए हैं। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि यह कतई बर्दाश्त नहीं किया
जाएगा कि आदिवासी के नाम पर विदेशों से लाया गया धन आदिवासियों पर खर्च
नहीं किया जाए। उन्होंने कलेक्टर से पूछा कि जिले में और खासकर कोटड़ा
क्षेत्र में कितने एनजीओ कार्यरत हैं। इनकी सूची तैयार की जाए और अब तक
इन्हें मिली सभी प्रकार की अनुदान राशि और खर्च का खुलासा हो। दोषी एनजीओ
के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए।

चिकित्सालय क्यों यही हो इलाज

सुबह सुबह जब चिकित्सा
एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम डॉ. पूनम पोस्तवाल के निर्देशन में आदिवासियों
को चिकित्सालय ले जाने लगी तो डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के समर्थक और भाजपा
कार्यकर्ताओं ने आदिवासियों को एंबुलेंस से उतार दिया और कहा कि यहीं हो
इनकी चिकित्सा। शाम को चार महिलाओं को चिकित्सालय में ले जाया गया। इनमें
हकरी, वालकी,नाजू, रजती के शरीर में रक्त की कमी के रहते चिकित्सालय ले
जाया गया।

किरोड़ी ने खोला गेट

कलेक्ट्रेट परिसर में तीन दिन से
धरने पर बैठे डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के समर्थन में दौसा से भी 20 से 25
युवकों का दल रविवार को पहुंचा। गेट पर समर्थकों को रोके जाने पर डॉ.मीणा
स्वयं गेट पर पहुंच गए और झटके से गेट को खोल डाला।

आईजी ने डॉ. किरोडी से की वार्ता

भूख से हुई मौतों के
मामले में सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा से रविवार को कलेक्ट्री परिसर में
आईजी टीएल मीणा ने वार्ता की। इस दौरान डेरा उठाने को लेकर बातचीत हुई।
हालांकि किरोड़ी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, इस कारण वार्ता का कोई नतीजा
नहीं निकला। पुलिस व प्रशासन अब सरकार की मध्यस्थता से इस विवाद को
सुलटाने में लगे हुए हैं। आईजी टीएल मीणा ने बताया कि शीघ्र ही यह मामला
सुलटने की संभावना है।

किरोड़ी के सवालों में उलझा प्रशासन

किरोड़ी : आपकी
रिपोर्ट गलत है। अगर भूख से मौतें नहीं हुई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
प्रशासन
: एक परिवार ने भूख से मौत की बात स्वीकार की है। बाकी सभी की वजह बीमारी
थी।

किरोड़ी : कोटड़ामें कितनों के राशन कार्ड, बीपीएल, एपीएल और एएवाई के
कार्ड हैं?


प्रशासन : (कोई भी अधिकारी जवाब नहीं दे सका। कुछ देर बाद
डीएसओ ने सूची देखकर बताया) सूची के हिसाब से गेहूं वितरण की व्यवस्था की
है।

किरोड़ी : यह जानकारी आपको किसने दी? यह सब कागजों में है। गेहूं बंटा
तो कहां गया, गरीबों के पेट में तो नहीं गया।


प्रशासन : जानकारी सचिव
ने दी है।

किरोड़ी : सचिव को क्या कल ही लगाया है? दो महीने से
वहां कोई नहीं गया।
प्रशासन : नहीं, इसकी हमें जानकारी नहीं है, लेकिन शनिवार को वहां शिविर
में सचिव मौजूद था। ऐसा है तो जांच करवा लेते हैं।

किरोड़ी : जॉब
कार्ड, राशन कार्ड, एएवाई, बीपीएल के कार्ड नहीं बनाने के लिए कौन
जिम्मेदार है? 34 कथौड़ी परिवारों को किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला।
प्रशासन : (सभी अधिकारी चुप हो गए, कुछ देर बाद कलेक्टर ने कहा) सिस्टम में
गड़बड़ी है तो वही जिम्मेदार है।

किरोड़ी : कौन, उनके खिलाफ
सोमवार दो बजे तक कार्रवाई करो, गरीबों को अनाज दो।
प्रशासन : सर, कल
हम सभी वहां जाते हैं, भौतिक सत्यापन करवा लेते हैं। एमएलए (बाबूलाल
खराड़ी) साहब भी वहां रहेंगे।

किरोड़ी : सवालों का जवाब नहीं दे रहे डीएसओ (हिम्मतसिंह भाटी) राजनीति
मत करो, कार्रवाई करो। कोटड़ा में गेहूं लोगों को मिलने की बजाय गुजरात जा
रहा है।

सांसद किरोड़ीलाल मीणा की ओर से दी गई मृतकों की सूची
के परिवार वालों के बयान लिए गए। इसमें एक परिवार के सदस्यों के बयानों में
यह बात सामने आई है कि एक जने की भूख से मौत हुई है।
– आनंद कुमार,
कलेक्टर, उदयपुर

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