नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी
आजाद ने सोमवार को कहा कि भोपाल गैस त्रासदी पर गठित मंत्रियों का समूह उन
परिस्थितियों की जांच कर सकता है जिनके चलते भीषण औद्योगिक हादसा हुआ। समूह
यह भी जांच करेगा कि दोषियों की सजा कम कैसे हुई।
आजाद गैस त्रासदी पर गठित उस मंत्री समूह में शामिल हैं जिसे
प्रधानमंत्री ने शीघ्र बैठक करने के आदेश दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री ने यहां एक समारोह से अलग संवाददाताओं से बातचीत में
कहा कि उन परिस्थितियों की जांच की जा सकती है, जिनके चलते यह हादसा हुआ और
यूनियन कार्बाइड के पूर्व अध्यक्ष वारेन एंडरसन को जाना पड़ा। क्या कारण थे
और सजा कैसे कम की गई।
उन्होंने कहा कि अब तक मंत्री समूह की बैठक नहीं हुई है इसलिए मैं कुछ
नहीं कह सकता। गैस त्रासदी पर केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम की अध्यक्षता
में गठित मंत्री समूह में विधि मंत्री एम वीरप्पा मोइली, रसायन एवं उर्वरक
मंत्री एम के अझागिरी, शहरी विकास मंत्री एम जयपाल रेड्डी, विज्ञान एवं
प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल हैं।
आजाद ने कहा कि जब मंत्री समूह की बैठक होगी तब हमें उन अधिकारियों से
कुछ जानकारी मिल सकती है जो इससे जुड़े रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या
मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को इस मामले में अपना पक्ष
रखना चाहिए, आजाद ने कहा कि आप सच बोलने के लिए किसी को बाध्य नहीं कर
सकते।
स्वैच्छिक रक्तदान के लिए आगे आएं युवा:
रक्तदान के लिए गंभीर प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए स्वास्थ्य एवं
परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि युवा लोगों को विशेष तौर
पर स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए।
आजाद ने विश्व रक्तदान दिवस के मौके पर भारतीय रेड क्रास के आधुनिक
ब्लड बैंक का उद्घाटन करते हुए कहा कि रक्त चढ़ाना आधुनिक स्वास्थ्य रक्षा
का अनिवार्य अंग है। सुरक्षित रूप से रक्त चढ़ाने की प्रक्रिया में
स्वच्छता से रक्तदान को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।