पिथौरागढ़। जिले की प्रसिद्ध मुवानी घाटी
में सतावर के उत्पादन को बढ़ावा दिया जायेगा। हिमालय अध्ययन केन्द्र और
हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान कोसी काश्तकारों को सतावर उत्पादन का
प्रशिक्षण देंगे।
गुरूवार को मुवानी घाटी में सतावर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कृषक
गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में काश्तकारों को सतावर उत्पादन की
तकनीक सिखाई गयी। हिमालय अध्ययन केन्द्र के भुवन पंत ने कहा मुवानी घाटी
की भौगोलिक परिस्थितियां सतावर उत्पादन के लिए उपयुक्त हैं। कम समय में
उत्पादित होने वाले सतावर की बाजार में अच्छी मांग है। सतावर उत्पादन के
लिए किसानों को अधिक मेहनत की भी जरूरत नहीं है। सतावर उत्पादन कर
काश्तकार अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकते हैं। उन्होंने बताया सतावर
की खेती के लिए किसानों को बीज, खाद और समय-समय पर तकनीकी प्रशिक्षण
हिमालय अध्ययन केन्द्र द्वारा दिया जायेगा। गोष्ठी के दौरान ही काश्तकारों
को वर्मी कम्पोस्ट तकनीक भी सिखायी गयी। वर्मी कम्पोस्ट के विशेषज्ञ
हंसपाल ने किसानों को वर्मी कम्पोस्ट के लिए गड्ढे बनाने की जानकारी दी।