पानीपत। कृषि निदेशालय ने हरित क्रांति के
जनक डा. नारमन बोरलाग की याद में प्रदेश में एक अंतरराष्ट्रीय संस्थान
बनाने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि इस संस्थान के लिए दूसरे प्रदेश भी
दावेदारी जता रहे हैं। चंडीगढ़, दिल्ली व हिसार से आई आला अधिकारियों की
टीम ने पानीपत के छाजपुर खुर्द, कवी और धर्मगढ़ गांव में अंतरराष्ट्रीय
संस्थान बनाने के लिए जगह का मुआयना किया है। संस्थान के निर्माण के लिए
धनराशि मैक्सिको से जारी की जाएगी।
नोबेल पुरस्कार विजेता व हरित क्रांति के जनक डा. नारमन बोरलाग की याद
में पांच सौ एकड़ में अंतरराष्ट्रीय संस्थान बनाया जाएगा। इस संस्थान के
लिए दूसरे प्रदेश भी रुचि दिखा रहे हैं। पंजाब, राजस्थान व मध्यप्रदेश
जैसे प्रांत ने संस्थान के लिए पांच सौ एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव
भी दिया है। छाजपुर खुर्द गांव में पहुंचे कृषि अतिरिक्त निदेशक वीएस
दुग्गल ने बताया कि पांच सौ एकड़ में अंतरराष्ट्रीय कृषि संस्थान के
निर्माण के लिए बृहस्पतिवार को कवी और धर्मगढ़ पंचायत की जमीन का निरीक्षण
किया गया है। पर्याप्त जगह उपलब्ध न होने से अधिकारियों की टीम ने छाजपुर
खुर्द का प्रस्ताव टाल दिया। उन्होंने बताया कि इस संस्थान में कृषि विकास
से संबंधित कामकाज होंगे। खासकर मक्का व गेहूं की किस्में विकसित की
जाएंगी। इससे कृषि क्षेत्र का विकास होगा।
अतिरिक्त निदेशक वीएस दुग्गल ने बताया कि जीटी रोड क्षेत्र में हिसार
व पानीपत का क्षेत्र संस्थान के लिए सही है। प्रदेश सरकार भी इस
अंतरराष्ट्रीय संस्थान के लिए जोर लगा रही है।
इस मौके पर अतिरिक्त कृषि निदेशक बीएस दुग्गल, हिसार कृषि
विश्वविद्यालय के वीसी डा. केएस खोखर, मक्का विकास कार्यक्रम के निदेशक
डा. साई दास, गेहूं अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक डा. एसएस सिंह,
उपायुक्त विजय सिंह दहिया, अतिरिक्त उपायुक्त अशोक बिश्नोई, डीडीए राम
प्रताप सिहाग, डा. धर्मपाल व बीडीओ दीनानाथ शर्मा मौजूद थे।