नई
दिल्ली। फल, सब्जियों और दलहन के दाम बढ़ने से गत 22 मई को समाप्त सप्ताह
में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 16.55 प्रतिशत हो गई। एक सप्ताह पहले यह
16.23 प्रतिशत पर थी।
खाद्य मुद्रास्फीति की वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान समुद्री मछली के
दाम 7 प्रतिशत बढने की वजह से रही। आलोच्य सप्ताह में चिकन के दाम में भी
पांच प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि जौ, मसूर प्रत्येक में 2 प्रतिशत
तथा फल एवं सब्जियों के दाम में भी एक प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज की गई।
इस दौरान हालांकि, काफी के दाम 5 प्रतिशत और गेहूं एक प्रतिशत तक नीचे
आ गए। अखाद्य जिंसों में कच्चे रबर का मूल्य 5 प्रतिशत तथा कच्ची रेशम और
अरंडी बीज प्रत्येक चार प्रतिशत तक बढ गए। सालाना आधार पर दाल दलहन के दाम
अभी भी 30.84 प्रतिशत और दूध 21.12 प्रतिशत तथा फलों के दाम 13. 74
प्रतिशत ऊंचे बने हुए हैं।
संशोधित आंकड़ों के अनुसार कुल मिलाकर सकल उपभोक्ता वस्तुओं के थोक
मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मार्च में दस प्रतिशत से ऊपर चली गई
थी। अप्रैल में अभी यह मामूली नरम पड़कर 9.59 प्रतिशत रही।