पटना एशियन डेवलपमेंट बैंक की मदद से सूबे
में भंग की गयीं 11 बाजार समितियों के प्रांगण को विकसित किया जाएगा। इसके
लिए 278 करोड़ की परियोजना राज्य सरकार की ओर से बैंक को सौंपी गयी है।
बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इस
आशय का निर्णय लिया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त एके सिन्हा ने बताया कि सब्जियों के उत्पादन में
बिहार देश का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जबकि फल उत्पादन में यह सातवें
स्थान पर है। कृषि एवं बागवानी उत्पादन को गति देने के लिए इंन्टीग्रेटेड
वैल्यू चेन विकसित किया जाएगा। इसी क्रम में इन बाजार समितियों को निजी
क्षेत्र को बिल्ट आपरेट एंड ट्रांसफर(बीओटी) मोड में 20 वर्षो के लिए
सौंपा जाएगा। जहां पहले से भवन निर्मित हैं, वहां कोई परिवर्तन नहीं होगा।
नालंदा में इंटीग्रेटेड वैल्यू चेन के तहत आलू, गेंहूं, धान और
सब्जियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लीची, आम केला,मक्का और सब्जियों पर
विशेष ध्यान देते हुए मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, दरभंगा, दलसिंहसराय और
हाजीपुर स्थित बाजार समितियों के प्रांगण को विकसित किया जाएगा। पांच हजार
मीट्रिक टन क्षमता के वेयर हाउस तथा कोल्ड स्टोरेज के निर्माण का भी
प्रस्ताव है।
बैठक में कृषि मंत्री रेणु कुमारी, मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी, विकास
आयुक्त केसी साहा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव भानुप्रताप शर्मा, बागवानी
निदेशक अरविंद सिंह, आईएलएफएस के प्रतिनिधि राजीव रंजन मिश्र आदि ने भी
शिरकत की।