पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र में सबसे कम वृद्धि

नई
दिल्ली। सूखे के कारण देश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर वित्त वर्ष
2009-2010 में 0.2 प्रतिशत की रही है, जो पिछले पांच साल में वृद्धि दर का
सबसे कम आंकड़ा है। वित्त वर्ष 2008-09 में कृषि एवं सहायक क्षेत्रों की
वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही थी।

कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर बेशक कम रही हो, लेकिन केंद्रीय सांख्यिकी
संगठन [सीएसओ] के पहले के अनुमान के मुकाबले में यह अधिक रही है। सीएसओ ने
पहले कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर नकारात्मक 0.2 फीसद रहने का अनुमान लगाया
था।

मुख्य सांख्यिकीविद प्रणव सेन ने कहा कि जहां तक कृषि का सवाल है
आंकड़े बदलते रहते हैं। जब हमने अग्रिम अनुमान व्यक्त किया तो उसमें रबी
फसल के आंकड़े शामिल नहीं थे।

उन्होंने कहा कि चूंकि अब हमारे पास रबी फसल का बुवाई का आंकड़ा भी है
तो हमारे वृद्धि दर का आंकड़ा बेहतर है। हालांकि, यह आंशिक रूप से खरीफ फसल
के अनुमान के बढ़ने के कारण है।

कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर अनुमान से बेहतर रहने का मुख्य कारण चावल,
गेहूं, कपास और गन्ना जैसे खरीफ उत्पादन में मामूली सुधार होना है।

तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार वर्ष 2009-10 में चावल उत्पादन सुधरकर
8.93 करोड़ टन का हो गया है, जबकि पहले अनुमान 8.75 करोड़ टन का था। दूसरी
ओर गेहूं का उत्पादन 8.09 करोड़ टन हो गया, जबकि पहले अनुमान 7.90 करोड़ टन
का था।

इसी प्रकार से गन्ना उत्पादन का अनुमान संशोधित कर बढ़ाते हुए 27.46
करोड़ टन हो गया, जबकि पहले का अनुमान 25.12 करोड़ टन का था। कपास उत्पादन
बढ़कर 2.28 करोड़ गांठ का हो गया, जबकि अनुमान 2.23 करोड़ गांठ था। एक गांठ
170 किलोग्राम की होती है।

कमजोर मानसून ने पिछले वित्त वर्ष की तीसरे तिमाही में कृषि उत्पादन
को प्रभावित किया था और इससे 1.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। वर्ष 2008-09
में भी तीसरी तिमाही में कृषि उत्पादन में 1.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी।

वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि तीसरी तिमाही में मानसून का कृषि
पर प्रतिकूल प्रभाव हुआ। बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कृषि एवं
सहायक क्षेत्र 0.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा, एक इससे पिछले वित्त वर्ष की
इसी तिमाही में 3.3 प्रतिशत थी।

दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 0.9 फीसदी रही, जो इससे
पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 2.4 प्रतिशत रही थी। पहली तिमाही में
कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रही, जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की
इसी तिमाही में 3.2 फीसद थी। कृषि क्षेत्र ने 2009-10 में देश की कुल
अर्थव्यवस्था में करीब 17 प्रतिशत का योगदान किया।

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