मनरेगा: 131 करोड़ में सृजित होंगे 70 लाख मानव दिवस

बदायूं। ग्रामीणों को गांव में ही काम
मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में
नये वित्तीय वर्ष के लिए 131 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। अधिकाधिक
मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के लिए इस साल 70 लाख मानव दिवस सृजित किए
जाने का लक्ष्य रखा गया है।

बेरोजगार ग्रामीणों को घर बैठे रोजगारों मुहैया कराने के लिए केन्द्र
सरकार यह महत्वाकांक्षी योजना चला रही है। इसके अच्छे परिणाम भी दिखाई पड़
रहे हैं लेकिन पारदर्शिता की कमी होने से मजदूरों को समुचित लाभ नहीं मिल
पा रह है। रही-सही कसर कागजों में आंकड़ेबाजी का खेल खेलकर पूरी कर दी
जाती है। पिछली साल जिले को 90 करोड़ रुपये मिले थे। 55 लाख मानव दिवस
सृजित कर 5368 जॉब कार्ड धारकों को 100 दिन काम मुहैया कराया गया।

विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल अधिकाधिक मजदूरों को 100 दिन
काम मुहैया कराने के लिए सरकार ने 131 करोड़ रुपये का बजट पास किया है। 70
लाख मानव दिवस सृजित कर मजदूरों को अधिक से अधिक मजदूरी दिलाने का लक्ष्य
रखा गया है। पास बजट में से 17 करोड़ रुपये कन्वर्जन विभाग व्यय करेगा
जबकि शेष धनराशि से विकास कार्य कराकर जॉब कार्ड धारकों को मजदूरी दी
जाएगी।

जनपद में शुरूआती दौर यानि वर्ष 2007 से ही नरेगा संचालित की जा रही
है। गत वित्तीय वर्ष में 90 करोड़ रुपये खर्च तो किए गए लेकिन मजदूरों को
काम के लिए प्रधान, सचिव एवं रोजगार सेवक के निहोरे करने पड़े। कभी काम
मिल जाता है तो भुगतान के लिए प्रधान और अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करनी
पड़ती है। पिछले मार्च माह से ही धन आवंटित नहीं हुआ है जिससे अधिकांश
गांवों में कामकाज बंद चल रहा है।

मनरेगा के कार्यो में पारदर्शिता लाने के लिए ब्लाक स्तर पर संविदा पर
परियोजना अधिकारी एवं कर्मचारी नियुक्त किए जा रहे हैं। कार्यो पर निगरानी
बढ़ेगी तो निश्चित रूप से विकास कार्यो में गुणवत्ता आएगी और मजदूरों को
उचित काम मिल सकेगा।

इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रावधान किया गया है कि यदि जॉबकार्ड
धारक के काम मांगने पर 100 दिन का काम मुहैया नहीं कराया जाता है तो
उन्हें भत्ता दिया जाएगा। मजे की बात यह है कि पिछले तीन वर्षो में एक भी
व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि
जितने लोगों ने काम मांगा उन्हें काम मुहैया कराया गया। काम मांगने के बाद
भी जब मुहैया नहीं कराया जा सकेगा तभी बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का
प्रावधान है।

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