चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने गुरूवार को देश में जाति के अनुसार जनगणना कराने के लिए ताजा निर्देश जारी किया।
वकील आर कृष्णामूर्ति की जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए एक खंडपीठ
ने बुधवार को जनगणना आयुक्त को निर्देश जारी कर जाति के अनुसार मतगणना
कराने के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश ऐलिप धर्म राव तथा न्यायाधीश टी एस
सिवागनानम की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने जो आवेदन किया है उसका जवाब
अदालत पहले ही एक याचिका पर अपने फैसले में दृढ़ता से दे चुकी है।
अदालत ने अपने अक्टूबर, 2009 के फैसले में कहा था कि 1931 के बाद से जाति के अनुसार कभी भी जनगणना नहीं हुई।
पीठ ने उस समय कहा था कि जब इस बात में कोई विवाद नहीं हो सकता कि
1931 के बाद से अनुसूचित जाति और जनजाति की संख्या में कई गुना वृद्धि हो
चुकी है तो ऐसे में 1931 की जनगणना के आधार पर तय किया गया आरक्षण का
प्रतिशत भी जाति के अनुसार जनगणना कराकर बढ़ाना होगा।