पथरीली धरा पर भगीरथ प्रयास

अतरी
[गया, देवव्रत/संजय कुमार]। गया जिले के अतरी प्रखंड की चकरा पंचायत के
रंगपुर चंद्रशेखर नगर में महादलितों के करीब तीन सौ परिवार बसे हैं जिनकी
प्यास बुझाने का संकल्प लिए ‘माउंटेन मैन’ दशरथ बाबा से प्रेरित सुग्रीव
राजवंशी पिछले एक वर्ष से तालाब के निर्माण में जुटे हैं।

पौ फटते ही डेली व चपड़ा लिए सुग्रीव राजगीर की पंच पहाड़ी की छोटी-छोटी
पहाड़ियों से घिरी सरकारी जमीन पर पहुंच कर दो-तीन घंटे ही खुदाई करते हैं।
करीब एक एकड़ सरकारी जमीन पर 150 फिट लंबे व 75 फिट चौड़े तालाब के निर्माण
में लगे राजवंशी कहते हैं कि यह क्षेत्र पहाड़ी है। जहां गर्मी के दिनों
में पीने के पानी की समस्या अति गंभीर हो जाती है। आदमी तो आदमी। जानवर भी
पानी के लिए तरस जाते हैं जिनकी व्यथा देख हमने ठान लिया कि इस जगह पर एक
तालाब बनाएंगे।

जब सुग्रीव राजवंशी से पूछा गया कि इतना कठिन काम आप अकेले कैसे पूरा
करेंगे। तो सीधा जवाब दिया कि जब दशरथ बाबा पहाड़ काट कर रास्ता बना सकते
हैं। तो हम एक तालाब नहीं खोद सकते? पहले तो ग्रामीणों ने मजाक उड़ाया। पर
अब कहते हैं कि सुग्रीव राजवंशी का यह प्रयास भागीरथ ऋषि से कम नहीं।
जिन्होंने अथक प्रयास से गंगा को पृथ्वी पर ले आए थे।

एक साल से तालाब की खुदाई कर रहे सुग्रीव को इस बात का अफसोस है कि इस
काम में उन्हें न तो जनप्रतिनिधि का सहयोग मिला न तो सरकार का।

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