नई
दिल्ली, जागरण ब्यूरो। उपभोक्ताओं को रियायती दर की राशन दुकानों से अब और
अनाज दिया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय खाद्य मंत्रालय हर महीने पांच लाख टन
अतिरिक्त अनाज का आवंटन करेगा। यह व्यवस्था अगले छह महीने के लिए की गई
है। इस नए प्रावधान से सरकारी खजाने पर कुल 2,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त
बोझ पड़ेगा। यह फैसला वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता वाले
मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह [ईजीओएम] की बुधवार को आयोजित बैठक में
लिया गया।
बैठक के बाद फैसले की जानकारी देने आए कृषि व खाद्य मंत्री शरद पवार
ने बताया कि इस अतिरिक्त अनाज का अलग मूल्य तय किया गया है। इसके मुताबिक
चावल 11.85 रुपये प्रति किलो और गेहूं 8.42 रुपये प्रति किलो दिया जाएगा।
गेहूं व चावल का यह आवंटन प्रत्येक कार्ड धारक के लिए किया गया है। यह भाव
अतिरिक्त अनाज की मात्रा पर लागू होगा। यह नई व्यवस्था फिलहाल जून से
नवंबर, 2010 तक के लिए की गई है। सरकारी गोदामों से कुल 30 लाख टन अनाज
विभिन्न राज्यों को उनके कोटे के अनुसार वितरित किया जाएगा। सरकार के इस
फैसले से सरकारी गोदामों में पड़े गेहूं की खपत हो जाएगी और नई फसल के
गेहूं के भंडारण की अतिरिक्त व्यवस्था हो जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में
पवार ने कहा कि सरकारी एजेंसियां हर हाल में 250 लाख टन गेहूं की खरीद कर
ही लेंगी। केंद्र सरकार ने चालू रबी खरीद सीजन में 262 लाख टन गेहूं खरीद
का लक्ष्य तय किया था।