आरा,
जागरण संवाददाता। बिहार के भोजपुर जिले के सहार थानांतर्गत बथानी टोला
नरसंहार मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार
श्रीवास्तव ने बुधवार को 23 आरोपियों को दोषी करार दिया और अन्य 33
आरोपियों को मुक्त करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया। बता दें कि बथानी
टोला नरसंहार में तीन माह की बच्ची समेत 21 लोगों की हत्या कर दी गई थी।
मारे गए लोगों में अधिकांश महिलाएं थीं।
विशेष लोक अभियोजक राम बाबू प्रसाद ने अदालत को बताया कि बड़की खड़ाऊ व
बथानी टोला के बीच मजदूरी को लेकर अर्से से विवाद था। 11 जुलाई 1996 को
अपराह्न दो बजे बंदूक, रायफल, तलवार व अन्य हथियारों से लैस अपराधियों ने
बथानी टोला को घेर लिया और घरों में घुसकर 3 व 9 माह की बच्चियों, महिलाओं
समेत 21 लोगों की हत्या कर दी थी। घटना को लेकर किशुन चौधरी ने 33 लोगों
को नामजद अभियुक्त बनाते हुए 60-70 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
कराई थी। पुलिस ने छह अभियुक्तों को फरार दिखाते हुए 63 लोगों के खिलाफ
कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। पांच अभियुक्त उच्च न्यायालय से मुक्त हो
गए। एक अभियुक्त रामेश्वर सिंह फरार है। बरमेश्वर सिंह मुखिया को सीजेएम
के न्यायालय में उक्त कांड में 6 मई, 2003 को रिमांड पर लिया गया था।
सुनवाई के दौरान चार अभियुक्तों की मौत हो गई।
दोषी पाए गए आरोपी
अजय सिंह, मनोज सिंह, नरेन्द्र सिंह, बच्चा सिंह, हरेराम सिंह,
अक्षयवर सिंह, कन्हैया सिंह, दिलीप सिंह, संजय ंिसह, अशोक सिंह, मुन्ना
सिंह, डिग्री सिंह, संतोष सिंह, कमलेश सिंह, सूबेदार सिंह, बेला सिंह,
माधव मौआर, महेंद्र मौआर, श्रीभगवान मौआर, भरत मौआर, झमन मौआर, राम पूजन
मौआर व मंगल राय हैं।
बथानी टोला में मारे गए लोग
सलमा खातून [3 माह], बेबी [9 माह],अमीर सुभानी [3 वर्ष], सुन्दरी देवी
[30], कलावती कुमारी [8], रामावती कुमारी [8], रामावती कुमारी [3], मीना
देवी [35], रघुनी चौधरी [3], संझारो देवी [30], दुजा देवी [40], फूला
कुमारी [18], रामरातो देवी [50], सोनझारो देवी [60], लखीया देवी [25],
सत्येन्द्र चौधरी [8], जैबुन निशा [40], नजमा खातून [25], सैयरा खातून
[18], बालचंद चौधरी [30] और सद्दाम हुसैन [60]।