नई
दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश के सर्वोच्च न्यायालय को चार साल बाद महिला
न्यायाधीश मिल रही हैं। न्यायमूर्ति रूमा पाल की जून 2006 में
सेवानिवृत्ति के बाद शुक्रवार को न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा सर्वोच्च
न्यायालय की न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेने जा रही हैं। मिश्रा के अलावा
न्यायमूर्ति एच.एल. गोखले तथा न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे भी सर्वोच्च
न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे।
मुख्य न्यायाधीश के.जी. बालाकृष्णन तीनों न्यायाधीशों को शपथ
दिलाएंगे। न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा की झारखंड उच्च न्यायालय, गोखले
की मद्रास उच्च न्यायालय तथा अनिल आर. दवे की बांबे उच्च न्यायालय के
मुख्य न्यायाधीश पद से प्रोन्नति हुई है। सर्वोच्च न्यायालय में एडवोकेट
आन रिकार्ड एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.के. गर्ग ने बताया कि न्यायाधीश ज्ञान
सुधा सर्वोच्च न्यायालय की एडवोकेट आन रिकार्ड भी रह चुकी हैं।
ज्ञान सुधा और उनसे पहले
– झारखंड उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्रा 1994 में पटना उच्च न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नियुक्तकी गई थीं।
– बाद में वे राजस्थान उच्च न्यायालय में भी न्यायाधीश रहीं।
– फिर जुलाई 2008 में उनको झारखंड उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश बनाया गया।
– ज्ञान सुधा सर्वोच्च न्यायालय में चौथी महिला न्यायाधीश होंगी।
– न्यायमूर्ति एम. फातिमा बीवी 1989 में सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला न्यायाधीश बनी थीं।
– इसके बाद न्यायमूर्ति सुजाता मनोहर और न्यायमूर्ति रूमा पाल भी सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश रह चुकी हैं।