देहरादून
[जागरण संवाददाता]। उत्तराखंड सरकार ने देवभूमि में करोड़ों लोगों की आस्था
की प्रतीक गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए सरकार
ने स्पर्श गंगा अभियान शुरू किया है। इसके तहत नदी को स्वच्छ बनाने के लिए
वही तौर-तरीके अपनाए जाएंगे, जिनकी बदौलत फ्रांस की राइन नदी स्वच्छ
नदियों में शुमार हो चुकी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा के पानी की
मानीटरिंग के लिए देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक चार-पांच जगह मानीटर लगाए
हैं।
गंगा का शीतल जल वक्त के थपेड़ों के साथ प्रदूषित होने से नहीं बच
सका। कहीं सीवरेज के मुहाने इसमें खुले हैं, तो कहीं उद्योगों, होटलों व
घरों का दूषित पानी इसमें डाला जा रहा है। जिसकी वजह से नदी दूषित हो गई
है। गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्जा मिलने के बाद इसको स्वच्छ करने की
मुहिम छेड़ दी गई है। प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किया गया स्पर्श गंगा
अभियान इसी मुहिम का हिस्सा है। अभियान के तहत न सिर्फ गंगा, बल्कि पूरे
राज्य को गंगा क्लीनिंग से जोड़ा गया है। बता दें कि क्वालिटी के मद्देनजर
राइन नदी के पानी की हर दो घंटे में मानीटरिंग होती है। राज्य वन एवं
पर्यावरण सलाहकार बोर्ड के उपाध्यक्ष अनिल बलूनी के मुताबिक स्पर्श गंगा
अभियान में भी कुछ ऐसी ही रणनीति अपनाई गई है। गंगाजल के नमूने लिए जा रहे
हैं। जल्द ही इनकी रफ्तार तेज की जाएगी। बलूनी ने कहा, अगर प्रयास रंग
लाता है तो आने वाले दिनों में गंगा भी दुनिया की सबसे स्वच्छ नदियों में
शुमार होगी।