जनसंख्या नियंत्रण को कानून लागू नहीं होगा

नई
दिल्ली। सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह देश में जनसंख्या नियंत्रण
के लिए किसी भी रूप में कानून लागू करने के पक्ष में नहीं है। वर्तमान समय
की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोगों को स्वैच्छिक रूप से स्वयं आगे
आकर परिवार नियोजन के उचित तरीकों को अपनाना चाहिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन [एनआरएचएम] के पांच साल पूरे होने के
अवसर पर आयोजित समारोह में जनसंख्या नियंत्रण के संबंध में सरकार की नीति
के बारे में स्पष्ट शब्दों में कहा कि जनसंख्या नियंत्रण वर्तमान समय की
सबसे बड़ी प्राथमिकता है लेकिन इसके लिए किसी भी रूप में कोई कानून लागू
नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में भारी सुधार किया है लेकिन
इसका आम जनता को जितना लाभ मिलना चाहिए था, वह अभी नहीं मिल पा रहा है
क्योंकि देश की जनसंख्या अभी स्थिर नहीं हो पाई है, यह बढ़ती ही जा रही
है। जनसंख्या स्थिरता को वर्तमान समय की सबसे बड़ी प्राथमिकता बताते हुए
उन्होंने कहा कि इसके लिए लोगों को स्वयं आगे आना चाहिए और परिवार कल्याण
का जो तरीका उनको उचित लगे उसे अपनाना चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार से
पांच साल पहले एनआरएचएम की शुरुआत की थी जिसका मुख्य उद्देश्य देश के
ग्रामीण क्षेत्रों में सुलभ, वहनीय एवं जवाबदेह गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य
परिचर्या प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है लेकिन इसके बाद भी केंद्र
सरकार राज्यों को एनआरएचएम के तहत अलग से राशि उपलब्ध कराती थी ताकि इसमें
धन की कमी नहीं होने पाए।

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