जनगणना में लापरवाही तो 3 साल की सजा

सीकर. जिले में आबादी का
बायोमीट्रिक डाटाबेस तैयार करने का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए 15 मई
से 30 जून तक घरों की सूची तैयार की जाएगी। अगले वर्ष फरवरी में घर-घर
जाकर जनगणना का कार्य किया जाएगा।

जनगणना में तैनात किए गए
अधिकारी व कर्मचारियों को डच्यूटी में लापरवाही बरतने पर अनुशासनात्मक
कार्रवाई के साथ तीन वर्ष की सजा का भी प्रावधान है। जिले के करीब 5500
अध्यापकों व यूडीसी, एलडीसी, पटवारी व ग्रामसेवकों को प्रगणकों के काम में
लगाया जाएगा।

जनगणना कार्य में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को
5500 रुपए मानदेय दिया जाएगा। जनगणना के लिए जिले को 15 इलाकों में बांटा
गया है। प्रमुख जनगणना अधिकारी कलेक्टर, जिला जनगणना अधिकारी एडीएम व उप
जिला जिला जनगणना अधिकारी जिला सांख्यिकी अधिकारी को नियुक्त किया गया है।
वहीं तहसीलदार व नगर पालिकाओं के ईओ चार्ज अधिकारी बनाए गए हैं।

उप
जिला जनगणना अधिकारी द्वारका प्रसाद शर्मा ने बताया कि जिले में प्रगणक
एवं पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए 116 मास्टर ट्रेनर लगाए हैं।
इन्हें दो बैचों में प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है।

पहले
बैच का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को पूरा हो गया। वहीं दूसरे बैच का
प्रशिक्षण चार अप्रैल से शुरू होगा। इसके बाद प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों
का प्रशिक्षण 15 से 30 अप्रैल तक चलेगा। 15 मई से 30 जून तक जिले में घरों
का सर्वे किया जाएगा। जनगणना के लिए जिले में पांच हजार गणना ब्लाक बनाए
गए हैं।

आपसे ये पूछे जाएंगे प्रश्न

जनगणना
2011 के दौरान सबसे पहले आपका नाम पूछा जाएगा। इसके बाद मुखिया से संबंध,
माता-पिता के नाम, पत्नी/ पति का नाम, लिंग, जन्मतिथि, वैवाहिक स्थिति,
जन्म स्थान, राष्ट्रीयता, सामान्य निवास, वर्तमान व स्थाई पता, व्यवसाय व
शैक्षणिक योग्यता सहित कई सवाल पूछे जाएंगे।

प्रगणकों को लगाने पड़ सकते हैं चक्कर

यदि
जनगणना कार्य के दौरान आप घर पर नहीं हैं, तो प्रगणकों को आपके घर के कई
बार चक्कर लगाने पड़ सकते हैं। इसके लिए प्रगणकों को 15 दिन का समय दिया
जाएगा। इस दौरान भी यदि परिवार के मुखिया से सम्पर्क नहीं हो पाता है, तो
पड़ोसियों से जानकारी लेकर रिपोर्ट भरी जाएगी।

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