रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम
विभाग ने कार्रवाई कर सात बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। जिले में अभी
तक 114 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जस चुका है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में बाल मजदूरी के
खिलाफ की जा रही कार्रवाईयों के तहत जिला स्तरीय कार्य बल ने सरगुजा जिले
में पिछले दिनों सघन निरीक्षण करते हुए सात और बाल श्रमिकों को मुक्त
कराया है।
अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग द्वारा गठित की गई इस विशेष टास्क
फोर्स ने इन्हें मिलाकर जिले में अब तक विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने
114 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है।
राज्य शासन द्वारा 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम कराने को पूरी
तरह से प्रतिबंधित करने के लिए राज्य भर में बाल श्रम प्रतिषेध एवं
विनियमन अधिनियम लागू किया गया है। मुक्त कराए गए बाल श्रमिक क्त्रेसर
प्लांट, मोटर गैरेज और होटलों में काम में लगाए गए थे। इन बच्चों को बाल
मजदूरों के रूप में काम पर लगाने वाले सभी नियोजकों के खिलाफ बाल श्रम
प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज किया गया
है। उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा अब तक की गई कार्रवाई के तहत 43
नियोजकों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए प्रकरण दर्ज कराया गया है।
कार्रवाई के दौरान बाल मजदूरी से छुड़ाए गए सभी बच्चों की शिक्षा और
पुनर्वास के लिए भी शासन द्वारा प्रबंध किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में बाल मजदूरी को रोकने के लिए बाल श्रम प्रतिषेध एवं
विनियमन अधिनियम लागू किया गया हैं। अधिनियम के तहत प्रदेश के सभी जिलों
में श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम को रोकने और उस पर निगरानी रखने के लिए
विशेष कार्यदल गठित किए गए हैं।
अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से ईट और टाईल्स निर्माण
इकाईयों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, कारखानों तथा होटलों और ढाबों में काम
करवाने पर बीस हजार रूपए प्रति बाल श्रमिक जुर्माना किए जाने का प्रावधान
किया गया है। साथ ही बच्चों से ऐसे किसी भी संस्थान में बाल श्रम कराने पर
तीन माह का सश्रम कारावास दिए जाने का भी प्रावधान अधिनियम में किया गया
है।