नई
दिल्ली। केंद्रीय सूचना आयोग [सीआईसी] ने सूचना अधिकार से जुड़े एक सवाल का
जवाब नहीं देने पर प्रधानमंत्री कार्यालय [पीएमओ] को कारण बताओ नोटिस जारी
किया है। यह सवाल करीब डेढ़ साल पहले पूछा गया था लेकिन उसका अब तक जवाब
नहीं मिला है।
आवेदनकर्ता वीरेंद्र सिंह सिरोही की शिकायत पर आयोग ने गत 26 फरवरी को
पीएमओ को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था। मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत
हबीबुल्ला ने कहा कि पीएमओ के मुख्य जन सूचना अधिकारी [सीपीआईओ] की ओर से
आरटीआई आवेदन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इससे ऐसा लगता है कि सीपीआईओ को
इस बारे में कुछ नहीं कहना है।
सिरोही ने वर्ष 2007 में एक आवेदन के जरिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
से एक मुकदमे में चार लोगों को गलत ढंग से फंसाने की निष्पक्ष जांच कराने
का आग्रह किया था। लगभग एक साल बाद सिरोही ने सूचना अधिकार [आरटीआई] के
तहत अपने आवेदन और उस पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। हबीबुल्ला ने
कहा, आयोग ने नई दिल्ली स्थित पीएमओ के सीपीआईओ को सिरोही द्वारा मांगी गई
जानकारी के बारे में पंद्रह कार्य दिवस के अंदर जवाब देने को कहा है।
पीएमओ से यह भी कहा गया है कि क्यों न संबंधित अधिकारियों पर सूचना देने
की निर्धारित तिथि के बाद रोजाना ढाई सौ रुपये के हिसाब से अर्थ दंड लगाया
जाए। निर्धारित तिथि 16 अक्टूबर 2008 से जोड़ने पर यह रकम 25 हजार रुपये से
ज्यादा बैठती है।