जागरण ब्यूरो, शिमला : मुख्यमंत्री प्रेम
कुमार धूमल ने उद्योगपतियों से कहा कि हिमाचल में ऐसे उद्योगों की स्थापना
को प्राथमिकता दें जो आम आदमी के हित में हों। उन्होंने कहा कि यहां कृषि,
औषधि, फल एवं अन्य स्थानीय उत्पादों पर आधारित उद्योग स्थापित करने चाहिए,
ताकि प्रदेश के लोगों को उनका लाभ हो। मुख्यमंत्री भारतीय उद्योग संघ के
वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर ‘हिमाचल प्रदेश : ड्राइवर्स ऑफ ग्रॉथ’ विषय पर
आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि एवं ग्रामीण विकास क्षेत्र
को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अगले वर्ष के बजट में बागवानी क्षेत्र में
सेब रूट स्टाक के लिए 85 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, ताकि प्रदेश
के बेहतर किस्म के सेब का उत्पादन सुनिश्चित हो सके। जैविक खेती को व्यापक
प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को यहां उद्योग
स्थापित करने के लिए कोई कठिनाई न हो इसके लिए अधोसरंचना विकास पर सरकार
ध्यान दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआईआई के साथ संयुक्त समितियों के गठन पर विचार
करेगी जो उद्यमियों की समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर बैठक कर सकती
है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अभी तक प्रदेश में उद्योग लगाने के
लिए 800 बीघा का लैंड बैंक स्थापित किया है। हिमाचल में औद्योगिक इकाइयां
लगाने के लिए कई अन्य प्रोत्साहन एवं विशेषताएं हैं जैसे सस्ती दरों पर
निर्बाधित विद्युत आपूर्ति, उद्योग मित्र माहौल, प्रदूषण रहित पर्यावरण,
जबावदेह प्रशासन आदि शामिल हैं, जो अन्य जगहों पर मुश्किल से मिल पाती
हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की दक्षता बढ़ाने के लिए सरकार विशेष
तौर पर प्रयासरत है। श्रमिकों की आवासीय समस्या के समाधान व संचार नेटवर्क
में सुधार के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में मुख्य सचिव आशा स्वरूप, सीआईआई के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष
हरपाल सिंह, हिप्र सीआईआई के अध्यक्ष एए सहेगल व प्रदेश सरकार के वरिष्ठ
अधिकारी मौजूद थे।