नई दिल्ली. भाकपा (माओवादी) के महासचिव
गणपति ने केंद्र सरकार से कहा है कि यदि बातचीत करना है तोवह संगठन से
प्रतिबंध हटाए तथा जेल में बंद नेताओं को रिहा करे। यही नेता वार्ता में
पार्टी का नेतृत्व करेंगे ।
इससे पहले माओवादी नेता किशनजी ने कहा था कि यदि सरकार माओवादियों पर
जुल्म बंद करे तो वे 72 दिन का संघर्ष विराम करने को तैयार हैं। इस बयान
से माओवादी नेताओं में फूट पड़ने की अटकलें लगने लगी थीं। अब गणपति का
बयान आने से इन अटकलों का समाधान हो गया है।
पीपुल्स यूनियन ऑफ डेमोक्रेटिक राइट्स (पीयूडीआर) सदस्यों को दिए
साक्षात्कार में गणपति ने कहा कि सरकार को भाकपा (माओवादी) के खिलाफ
‘युद्ध’ रोकना होगा। उनकी अन्य मांगों में कार्यकर्ताओं की रिहाई तथा
उन्हें दी जा रही कथित यातनाएं खत्म करना शामिल है।
पीयूडीआर के गौतम नवलखा को गणपति ने बताया, ‘यदि ये मांगें पूरी होती
हैं तो जेल में बंद नेता बातचीत में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। माओवादियों
का संगठन भूमिगत है। सरकार को अनुकूल वातावरण तैयार करना चाहिए।’