रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम
विभाग ने 15 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। विभाग ने बच्चों से काम
कराने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्ताीसगढ़ में बाल श्रम को
रोकने और विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले बच्चों को
मुक्त कराने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। श्रम विभाग द्वारा हर जिले
में इसके लिए विभागीय अधिकारियों की विशेष टास्क-फोर्स भी गठित की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा जिले के कार्यबल द्वारा जिले के
विभिन्न प्रतिष्ठानों में की गई आकस्मिक छापामार कार्रवाई के दौरान 15 बाल
श्रमिकों को मुक्त कराया गया है। साथ ही बच्चों से काम कराने वाले ऐसे
प्रतिष्ठानों के खिलाफ बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम के तहत
कार्रवाई की जा रही है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा जिले में जयनगर स्थित
नसीब खान फिक्स मिट्टी ईट निर्माण इकाई में काम करने वाले सात बाल
श्रमिकों को कार्यबल द्वारा मुक्त कराया गया है। जिले के विभिन्न होटलों
और ढाबों में श्रम विभाग की छापामार कार्रवाई के दौरान सूरजपुर स्थित
पंचवटी ढाबे में काम करने वाले दो बच्चों को भी मुक्त कराया गया है।
सूरजपुर-भैयाथान मार्ग पर स्थित गोलू स्वीट्स से चार बच्चों को भी मुक्त
कराकर इनके विरूद्व बाल श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम के तहत प्रकरण
दर्ज किया गया है। इसी प्रकार विश्रामपुर के एकान्त स्वीट्स और सूरजपुर की
जगमोहन फिक्स ईटा भट्टा इकाई निर्माण में काम करने वाले एक-एक बाल श्रमिक
को भी श्रम विभाग की कार्रवाई के दौरान मुक्त कराया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाल श्रमिकों के पुर्नवास के लिए
विभिन्न कार्य किए जा रहे हैं तथा ऐसे बच्चे जो गरीबी के कारण विभिन्न
संस्थानों में काम कर रहे हैं उनके लिए बाल श्रमिक शालाओं की स्थापना की
गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 244 बाल श्रमिक शालाएं स्थापित हैं जिनमें 13 हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।