छापे में फंसे प्रमुख सचिव अरविंद जोशी और टीनू जोशी को राज्य सरकार ने
शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। जेल एवं संसदीय कार्य
विभागों के प्रमुख सचिव श्री जोशी और महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख
सचिव श्रीमती जोशी के ठिकानों से गुरूवार को तीन करोड़ रुपए नकदी और अन्य
बेहिसाब संपत्ति जब्त की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद राज्य शासन ने जोशी
दंपत्ति के निलंबन का आदेश जारी कर दिया। श्री जोशी पांच साल से जल संसाधन
विभाग के प्रमुख सचिव थे, उन्हें 29 जनवरी 2009 को जेल एवं संसदीय कार्य
विभाग में पदस्थ किया गया था। लेकिन उन्होंने अभी कार्यभार ग्रहण नहीं
किया था।
दूसरी ओर, भ्रष्ट अधिकारियों पर आयकर विभाग की कार्रवाई
लगातार जारी है। इसी कार्रवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव
इंजीनियर रामदास चौधरी ने 50 लाख और प्रभारी मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी
दीपक असाई ने 35 लाख सरेंडर कर दिए हैं। दोनों ही अधिकारियों के दो-दो
लॉकर खोले जा रहे हैं और बाकी ठिकानों पर विभाग की कार्रवाई की जा रही है।
गौरतलब
है कि आयकर विभाग ने गुरुवार को मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ के तीन वरिष्ठ
आईएएस अधिकारियों और एक पूर्व आईएएस अधिकारी सहित कई अन्य वरिष्ठ अफसरों व
उनसे जुड़े व्यवसायियों के 20 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। प्रमुख
सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी दंपति अरविंद जोशी और टीनू जोशी के 74 बंगले
स्थित निवास पर छापे में तीन करोड़ रुपए नकद और 25 लाख रुपए मूल्य की
विदेशी मुद्रा मिली थी। नोटों की तादाद इतनी थी कि इन्हें गिनने के लिए
विभाग को काउंटिंग मशीन लगानी पड़ी।