कृषि सचिव के घर छापा

रायपुर. छतीसगढ़ के कृषि सचिव और आईएएस अधिकारी बीएल अग्रवाल के
यहां आयकर विभाग ने गुरुवार को छापा मारा। अग्रवाल के फाफाडीह स्थित
आलीशान निवास के अलावा रामसागरपारा स्थित उनके पिता, दो छोटे भाईयों और
चाटर्ड एकाउंटेंट सुनील अग्रवाल भी निशाने पर रहे।

छापे में करोड़ों रुपए की बेहिसाब संपत्ति मिलने का अनुमान है। छापे के
दौरान काफी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही
है। परिवार की जमीन के काराबोर में संलिप्तता के अलावा कुछ धंधों में
निवेश को भी जांच के दायरे में लिया गया है।

रायपुर, जबलपुर और भोपाल की टीमें छापे की कार्रवाई में शामिल हुईं।
महानिदेशक आयकर (अन्वेषण) भोपाल के निर्देश पर छापे की कार्रवाई को अंजाम
दिया गया। अधिकारियों ने सुबह ही घरों में कारवाई शुरू कर दी और पुलिस ने
संबंधित ठिकानों को घेरे में ले लिया। किसी को भी अंदर जाने या बाहर आने
की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

मकान के बाहर पुलिस के जवान और विभाग के अधिकारी जमे हुए थे। लैंडलाइन
और मोबाइल फोन तक विभागीय अफसरों ने अपने कब्जे में ले लिए थे। सभी
ठिकानों पर जांच देर शाम तक जारी थी। अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं
थे कि छापे में कितनी संपत्ति मिली। अधिकारियों का अनुमान है कि बीमा
प्रीमियम के लिए भुगतान की जा रही किस्तें तक श्री अग्रवाल की आय से अधिक
हैं।

अफसरों ने कहा : आयकर विभाग के महानिदेशक (अन्वेषण) भोपाल बृजेश
गुप्ता ने केवल इतना बताया कि कार्रवाई 7 ठिकानों पर की गई है। इनमें श्री
अग्रवाल का घर, दो भाइयों व पिता के निवास, सीए के घर व दफ्तर तथा कंपनी
शामिल है। प्रदेश के चीफ इनकमटैक्स कमिश्नर जमील अहमद ने कहा कि कार्रवाई
भोपाल कार्यालय के निर्देश पर हुई है। हमने केवल अधिकारी-कर्मचारी उपलब्ध
कराए।

ऐसे बनी भूमिका : आयकर विभाग करीब दो सालों से जरूरी प्रमाण
जुटा रहा था। राजधानी में 2008 में शंकरनगर-मोवा मार्ग पर विभाग ने एक
बिल्डर की कृस्मास नामक कंपनी के यहां सर्वे किया था। इस सर्वे में रायपुर
नगर निगम के अधिकारियों-पदाधिकारियों के नाम से संबंधित दस्तावेजों का भी
पता चला था।

बताया जा रहा है कि इसमें कुछ कागजात श्री अग्रवाल के परिजनों के नाम
संपत्ति से संबंधित थे। इसी बीच मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य संचालक रहे एक
अधिकारी के यहां छापे में विभाग में सामग्री सप्लाई करने वाले सप्लायरों
और दलालों के नाम वाले दस्तावेज मिले। सूत्रों के अनुसार इनमें से एक
सप्लायर अशोक नंद के यहां मिले कागजों में श्री अग्रवाल को राशि भुगतान
करने का उल्लेख था। इसके बाद ही विभाग की टीम अग्रवाल परिवार के पीछे पड़
गई।

आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि विभाग में कुछ समय से यह
निर्देश हैं कि सर्च या सर्वे में संबंधित व्यक्ति के सीए या वकील के
ठिकानों को भी जांच में लिया जाना चाहिए। इसी के चलते श्री अग्रवाल के सीए
को भी घेरा गया।

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