रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य की 50 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए सभी तरह की राजस्व वसूली स्थगित कर दिया है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य शासन ने खरीफ फसल वर्ष
2009 की वास्तविक आनावारी के आधार पर प्रदेश के नौ जिलों की 50 तहसीलों को
सूखाग्रस्त घोषित किया है। इन तहसीलों में छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता
1959 की धारा 144 के तहत आगामी आदेश तक सभी राजस्व वसूली स्थगित रहेगी।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व में 28 अगस्त को खरीफ फसल की नजरी
आनावारी के आधार पर प्रदेश के 12 जिलों की 66 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित
किया गया था। वास्तविक आनावारी की रिपोर्ट आने पर इसे निरस्त करते हुए
केवल 50 तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया।
बलौदाबाजार, कसडोल, बिलाईगढ़, दुर्ग जिले की साजा, बेमेतरा, नवागढ़,
डोंडीलोहारा, पाटन, धमधा, डौंडी, थान-खम्हरिया, दुर्ग, राजनांदगांव जिले
के छुईखदान, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, छुरिया, अम्बागढ़ चौकी,
मोहला, मानपुर, डोंगरगांव, कबीरधाम जिले के कवर्धा, पंडरिया, बोड़ला,
सहसपुर-लोहारा, दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा, कोण्टा, गीदम, कटेकल्याण,
कुआंकोण्डा, सुकमा, छिंदगढ़, कांकेर जिले के अंतागढ़, बिलासपुर जिले के
मस्तूरी, मरवाही, लोरमी, मुंगेली, पेण्ड्रारोड, पेण्ड्रा, पथरिया, कोरिया
जिले के बैकुंठपुर, सोनहत, खड़गवां, मनेन्द्रगढ़, भरतपुर तथा बीजापुर जिले
की बीजापुर, भोपालपट्टनम, भैरमगढ़ और उसूर तहसीलों को सूखाग्रस्त घोषित
किया गया है