फिलहाल 622 कालोनी ही नियमितिकरण के कतार में

दिल्ली सरकार दिल्ली की उन सभी कॉलोनियों को नियमित करने नहीं जा रही
है, जिन कॉलोनियों के प्रोविजनल सर्टिफिकेट वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव
से पूर्व बांटे गए थे। फिलहाल सरकार 622 कॉलोनियों को ही नियमित कर पाएगी।
शेष कॉलोनियों को लेकर जमीन से संबंधित एजेंसियों ने आपत्तिदर्ज कराई है।
आपत्तिदर्ज कराने वाली एजेंसियों में भारतीय पुरातत्व विभाग, वन विभाग आदि
शामिल हैं। नियमित होने वाली कॉलोनियों की सूची एमसीडी को भेजी गई है।
मंगलवार को इस विषय में दिल्ली सरकार व एमसीडी की बैठक होने वाली है।

वित्तामंत्री डॉ.एके वालिया ने बताया कि जिन 622 कॉलोनियों के
नियमितिकरण की बात हो रही है, उनमें से 505 की सूची पहले ही तैयार कर ली
गई थी। बाद में 117 कॉलोनियों के जमीनदाताओं की तरफ से कोई आपत्तिनहीं आई
है। इसलिए इन कॉलोनियों को भी नियमितिकरण की सूची में शामिल किया गया है।

चुनाव पूर्व दिल्ली सरकार की तरफ से कॉलोनियों के नियमितिकरण को लेकर
जो प्रचार-प्रसार किया गया था उसका दायरा छोटा होने जा रहा है। सरकार के
अनुसार ही दिल्ली में करीब 1639 अनधिकृत कॉलोनियां है। इनमें करीब 1250 को
अस्थायी प्रमाणपत्र कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी के हाथों अक्टूबर
2008 में बंटवाए गए थे। सरकार ने जनता से वायदा किया था कि सभी कॉलोनियों
को नियमित किया जाएगा, लेकिन अब इसका दायरा सिकुड़ता जा रहा है। पहले ही
सरकार की तरफ से 1639 कॉलोनियों में से करीब 1250 कॉलोनियों को अस्थायी
प्रमाणपत्र बांटे गए। अब इन 1250 कॉलोनियों में से मात्र 622 कॉलोनियों के
नियमितिकरण की बातें हो रही हैं। सरकार के अनुसार जिन कॉलोनियों को फिलहाल
नियमित करने में परेशानी आ रही है उनके जमीनदाताओं की तरफ से सरकार को
आपत्तिप्रमाणपत्र नहीं मिला है। ये कॉलोनियां यमुना पुश्ता, वन विभाग की
जमीन व भारतीय पुरातत्व विभाग की जमीन पर बसी हैं।

डॉ.वालिया ने बताया कि 622 कॉलोनियों को लेकर सरकार एक विस्तृत योजना
बना रही है। इस योजना के आधार पर इन कॉलोनियों के विकास के लिए केंद्र
सरकार से बजट मांगा जाएगा। कॉलोनियों के विकास के बाद सरकार सुप्रीम कोर्ट
जाएगी। कॉलोनियों के पूर्ण विकास के बाद ही नियमित किया जाएगा। गौरतलब है
कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए बिना सरकार
किसी भी कॉलोनी को नियमित नहीं कर सकती। कॉलोनियों में पानी व सीवर लाइन
की व्यवस्था हो, साथ ही बिजली की आपूर्ति भी सुचारू रूप से हो।

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