उप्रः करोड़पति बाबुओं की फौज

लखनऊ. कम
तनख्वाह के बावजूद उत्तर प्रदेश में सरकारी कार्यालयों के कई बाबू
करोड़पति हैं। कुछ प्रापर्टी डीलिंग का काम करते हैं तो एक के पास बसों का
काफिला है। वह ट्रेवल एजेन्सी का काम भी कर रहा है। एक तो कोल्ड स्टोरेज
का मालिक है। मलाईदार विभाग में नहीं होने के बावजूद कुछ तो पैसा पैदा
करने की मशीन बन गए हैं।

एक ने प्रधानाचार्य से मिलकर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्नों की
छात्नवृत्ति में करोड़ों रुपए का घोटाला करके बरेली में एक शॉपिंग मॉल
बनवा रखा है। दो साल पहले उसी ने एक कोल्ड स्टोरेज भी बनवाया था। पैसे के
बल पर ही उसने अपनी पत्नी को विधान सभा का पिछला चुनाव लड़वाया था हालांकि
वह चुनाव हार गई थी।

इसी तरह का एक मामला गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में भी सामने आया है
जहां एक बाबू के पास 17 बसों का काफिला है। उसकी बसें दिल्ली परिवहन निगम
से सम्बद्ध बताई गई हैं।

आजमगढ़ के शिक्षा विभाग के एक बाबू ने प्रापर्टी डीलिंग के धंधे में
अपना पैसा लगा रखा है और उसके पास तीन दो मंजिला आलीशान मकान के अलावा छह
शानदार कार है जिसमें एक होण्डा सिटी भी शामिल है। इसी तरह का मामला लखनऊ
के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नियुक्त एक कर्मचारी का है जिसकी
तनख्वाह मात्न बारह हजार रूपये मासिक है१

उसने खुद को मुख्यमंत्नी का करीबी प्रचारित किया और पिछले दो वर्षो में
इतना पैसा कमाया कि आज उसके पास गोल्फ कोर्स के सामने गोल्फ अपार्टमेण्ट
में 2.5 करोड़ रूपये मूल्य का एक प्लैट है। राज्य सतर्कता विभाग ने तृतीय
श्रेणी के ऐसे 364 कर्मचारियों की सूची बनायी है जिन्होंने पिछले तीन साल
में गलत तरीके से धन कमाया।

सतर्कता विभाग कें एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज यहां बताया कि यह सूची
जल्दी ही वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी जाएगी। उन्होने बताया कि राज्य के
बहुत से सरकारी बाबू करोड़पति हैं। उन्होंने बड़े बंगले बनवा रखे हैं।
बड़ी गाड़ियों में घूमते हैं और कमाल यह है कि ये सब उनके वरिष्ठों की
जानकारी में हैं।

सतर्कता विभाग के जांच के दायरे में आए इन बाबूओं में से 131 शहरी
विकास और आवास विभाग से हैं। करीब 70 अन्य बाबू जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप
लग रहे हैं वे पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित हैं।

अधिकारी मानते हैं कि शहरी विकास और आवास विभाग के इन बाबूओं ने पिछले
दो वर्षो में करीब 350 करोड़ रूपए का घोटाला किया है। उन्होंने बताया कि
कई बार बाबूओं द्वारा कमाया गया पैसा देखने में कम लगता है पर वास्तविकता
में यह रकम बहुत ज्यादा होती है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *