स्थानीय निकायों और पंचायत संस्थाओं में मतदान अनिवार्य करने संबंधी
गुजरात सत्तामंडल (संशोधन)-2009 विधेयक शनिवार को विधानसभा ने पारित कर
दिया। इसी के साथ गुजरात देश में इस तरह का विधेयक पारित करने वाला पहला
राज्य बन गया है।
विधेयक में राज्य के सभी पंजीकृत मतदाताओं के
लिए ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान
अनिवार्य बनाया गया है। ऐसा न करने पर मतदाता को डिफॉल्टर घोषित कर सरकारी
लाभों से वंचित किया जा सकेगा। विधेयक में मतदाताओं को नकारात्मक मतदान
करने का अधिकार भी दिया गया है। विधेयक को अब मंजूरी के लिए राज्यपाल को
भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनिवार्य मतदान के
प्रावधानों को लोकतंत्र को बल प्रदान करने वाला ऐतिहासिक कदम करार दिया।
उन्होंने कहा कि मतदाता के लिए नकारात्मक वोटिंग कर अपना आक्रोश व्यक्त
करने का विकल्प भी खुला रहेगा। दूसरी ओर कांग्रेस ने अनिवार्य मतदान
संबंधी प्रावधानों का विरोध किया। पार्टी का कहना था कि यह प्रावधान
नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है।