वन अधिकार प्रमाण पत्र देने में कठिनाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वीकार किया है कि राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में आदिवासियों को वन अधिकार प्रमाण पत्र वितरण करने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य के आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आधिकारियों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ के वनक्षेत्रों में निवास करने वाले लगभग दो लाख आदिवासी परिवारों को अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 एवं नियम 2008 के तहत वन अधिकार प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा चुका है, लेकिन नक्सल प्रभावित इलाकों में यह चुनौती भरा काम साबित हो रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के कई गावों में ग्राम सभाएं आयोजित नहीं हो पा रही हैं जिसके कारण कारण वहां वन अधिकार प्रमाण पत्र वितरण की प्रक्रिया को अंजाम देने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

उन्होंने बताया कि राज्य में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित अबुझमाड़ क्षेत्र का सर्वेक्षण रिकार्ड उपलब्ध नहीं है जिसके कारण इस क्षेत्र के आदिवासी परिवारों को अधिनियम का लाभ दिलाना चुनौती बना हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि इन नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य होने के बाद ही वन अधिकार पत्रों के वितरण का कार्य प्रारंभ किया जा सकेगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्य में वन अधिकार प्रमाण पत्र के लिए अब तक चार लाख 75 हजार 247 व्यक्तिगत दावे प्राप्त हुए थे। इनमें से एक लाख 95 हजार 309 दावों को जिला स्तरीय समिति ने अनुमोदित कर दिया है तथा हितगा्रहियों को वन अधिकार प्रमाण पत्रों का वितरण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त प्राप्त दावा प्रकरणों में से दो लाख 10 हजार 597 प्रकरणों में पात्रता नहीं होने के कारण उन्हें निरस्त कर दिया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 85.40 प्रतिशत दावा प्रकरणों का निपटारा किया जा चुका है तथा शेष प्रकरणों का निपटारा भी इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ देश के सर्वाधिक वन आच्छादित क्षेत्रों में से एक है और राज्य के 44 प्रतिशत क्षेत्र में वन हैं। राज्य में 18 में से नौ जिले आदिवासी बहुल है और अनुसूचित जनजातियों की बड़ी संख्या को देखते हुए वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है जिससे राज्य के वन क्षेत्रों में निवास कर रहे इन वर्गो के लोगों को अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके।

 

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