श्वेत क्रांति की बदौलत बदली तकदीर

बेतिया। जिले के कई गावों में अनपढ़ महिलाओं ने श्वेत क्राति की बदौलत घर की तकदीर बदल दी। समस्याओं से संघर्ष कर इनके द्वारा लिखी गई आर्थिक समृद्धि की नई इबारत वाकई महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। बीते दिनों में दो वक्त की रोटी को तरसने वाली नौतन प्रखंड के विभिन्न गावों की व्यासी देवी, दुलारी देवी, गिदरी देवी, उर्मिला देवी, शारदा देवी समेत एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने गाय-भैंस पालकर दुग्ध उत्पादन समिति का गठन किया।

गम्हरिया की व्यासी अनपढ़ हैं, लेकिन समिति में आने वाला दूध मापना, इसका हिसाब रखना और लोगों को इससे जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना इनकी ड्यूटी है। पति सत्यनारायण सहयोगी की भूमिका निभाते हुए डेयरी तक दूध पहुंचाते हैं। वह बताती हैं कि दो वर्ष पूर्व पति साइकिल से दूध बेचकर किसी तरह परिवार चलाते थे। जब मुजफ्फरपुर डेयरी की जागरुकता टीम उनके गाव आयी और उन्हें दुग्ध उत्पादन का फायदा बताया तो उन्होंने समिति बना ली।

हलखोरवा दुग्ध उत्पादन समिति से जुड़ी गिदरी देवी की कहानी तो और ज्यादा दुखद है। पति जगदेव यादव की मौत के बाद सब कुछ बर्बाद सा लगने लगा। इकलौते बेटे शिव को मजदूरी करनी पड़ी, लेकिन वक्त के साथ सब कुछ बदल गया। इनके पास तीन भैंस हैं, जिसमें एक दूध देती है और एक बच्चा देने वाली है। प्रतिदिन 10-12 लीटर दूध समिति को देती हैं। बेटा मजदूरी छोड़ भैंसों की देखभाल करता है। इसी गाव की उर्मिला देवी की दास्तान भी कुछ ऐसी ही है। दो वर्ष पूर्व भूमिहीन पति शिवनाथ यादव कमाने पंजाब तो चले गये पर वहा काम नहीं मिला। अब दुग्ध उत्पादन से न केवल घर की गाड़ी दौड़ रही है, बल्कि एक लड़का और दो लड़किया पढ़ भी रही हैं।

इसी तरह पंजाब कमाने गये ढोड़ा यादव की पत्नी शारदा देवी के पास दो भैंस, केश्वर यादव की पत्‍‌नी सुनीता देवी के पास दो भैंस, जोधा यादव की पत्नी दुलारी देवी के पास दो भैंस व एक गाय है। उत्पादित दूध से इनके घर की गाड़ी पटरी पर है। झखरा दुग्ध उत्पादन समिति से जुड़ी जयनाथ कुमार की पत्नी बिंदा देवी दो गाय व एक भैंस के सहारे पूरे आत्मविश्वास के साथ परिवार चला रही हैं।

हलखोरवा दुग्ध उत्पादन समिति के संचालक गुड्डू यादव कहते हैं, यदि सरकार समुचित सुविधा दे तो अधिकाधिक परिवारों तक इसका लाभ पहुंचाया जा सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *