लंदन :अन्न देने वाली धरती अब कैंसर उपजाने लगी है. सीवर एवं औद्योगिक क्षेत्रों के निकट स्थित खेतों की मिट्टी के नमूनों की जांच में कैंसर सहित भयंकर बीमारी पैदा करने वाले निकिल, लैड, क्रोमियम और कैडमियम की मात्रा मानक से एक हजार गुना तक अधिक मिली है. इन तत्वों की अधिकता से सब्जियां तो खूब चमकदार दिखती हैं, मगर रोगों को सीधा आमंत्रण देती है. जैविक खेती के लिए देश भर में काम कर रहे राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र के शोध में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं.एनसीओएफ़ ने सीवर और आद्योगिक क्षेत्रों के पास स्थित खेतों से मिट्टी के 150 नमूने जांच के लिए मंगवाए, जिसकी जांच में मिट्टी में कैंसरजनक खतरनाक तत्वों की मौजूदगी मानक से एक हजार गुना पायी गयी. उप निदेशक डॉ डी कुमार के मुताबिक नमूनों में निकिल दस गुना, लैड दस से सौ गुना, क्रोमियम चौदह गुना, मरकरी एक हजार गुना और कैडमियम 80 गुना ज्यादा मिला. जिन खेतों से ये नमूने लिये गये उनमें सीवर का पानी या फ़ैक्िटयों से निकला जल या तो सिंचाई के लिए प्रयोग किया गया अथवा खेतों के पास से होकर गुजरा. नतीजतन हानिकारक तत्व मिट्टी में पहंच सब्जियों द्वारा मानव शरीर में पहंच रहे हैं. जूनियर साइंटिफ़िक ऑफ़िसर जगत सिंह के मुताबिक नमूनों में मिले तत्व कैंसर, हार्ट अटैक, श्वास एवं हड्डी संबंधी बीमारी और नपुसंकता को बढ़ाते हैं. मधुमेह से बचाती है पूरी नींद शिकागो मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक शोध के दौरान यह पाया कि गहरी नींद की कमी शरीर में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखने की क्षमता कम कर देती है. यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर इसरा तसाली के अनुसार नींद बाधित होने से शरीर में रक्त में शर्करा की मात्रा नियंत्रित रखने की क्षमता 25 फ़ीसदी कम हो जाती है. शोधकर्ताओं के अनुसार अधिकांश मधुमेही पूरी नींद न लेने के कारण अधिक अस्वस्थ महसूस करने लगते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नींद का पूरी न होना मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है.
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