मेट्रो निर्माण के दौरान 1998 से अब तक सौ लोगों की जान गई

सरकार ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली मेट्रो की शुरुआत से लेकर इसके निर्माण स्थलों पर अब तक करीब सौ लोगों की जान जा चुकी है। मारे गए लोगों में एक इंजीनियर और 93 मजदूर थे। दक्षिण दिल्ली के जमरूदपुर में इस महीने की शुरूआत में निर्माणाधीन पुल के साइट पर हुए हादसे में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है।शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी ने राज्यसभा को बताया कि अक्टूबर 1998 में निर्माण शुरू होने के बाद से दिल्ली मेट्रो के स्थलों पर अब तक हुए हादसों में 102 लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में 12 जुलाई को मारे गए एक इंजीनियर समेत 93 मजदूर और आठ दूसरे लोगो शामिल हैं।

रेड्डी ने यह भी बताया कि निर्माण स्थलों पर हादसों में मारे गए लोगों के आश्रितों को नौकरी देने के बाबत दिल्ली मेट्रो की कोई नीति नहीं है। रेड्डी ने यह भी बताया कि ठेकेदार भी इस तरह का काम नहीं कर रहे हैं।
मंत्री ने एक दूसरे सवाल के जवाब में बताया कि इस महीने की शुरूआत में दक्षिण दिल्ली के जमरूदपुर में निर्माणाधीन पुल के साइट पर हुए हादसे में अब तक सात लोगों की जान जा चुकी है। पहले की रिपोर्टो में हादसे में छह लोगों के मारे जाने की जानकारी दी गई थी।

शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी ने प्रश्नोत्तर काल में राज्यसभा को बताया कि पिछले 12 जुलाई को जमरूदपुर में पुल के गिरने से 28 वर्षीय इंजीनियर समेत छह लोग मारे गए थे जबकि सातवें व्यक्ति ने हादसे के 12 दिनों बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसी घटना स्थल पर अगले दिन छह लोग उस वक्त जख्मी हो गए थे जब मलबे की सफाई के दौरान क्रेन धराशायी हो गए।

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