बढ़ रही है भारत में भुखमरी के शिकार लोगों की तादाद- एक्शन एड

अंतर्राष्ट्रीय स्तर की एक नई रिपोर्ट में भुखमरी के खात्मे के लिए पर्याप्त प्रयास ना करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में भुखमरी का कारण खाद्यान्न के उत्पादन में कमी नहीं बल्कि गरीबों की क्रय क्षमता में कमी का आना है।
एक्शन एड द्वारा जारी हू इज रियली फाइटिंग हंगर नाम की इस रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक) में कहा गया है कि भारत में साल १९९० के दशक के मध्यवर्ती सालों के बाद से अब तक कुल ३ करोड़ नए लोग भोजन की कमी के शिकार नागरिकों की संख्या में आ जुड़े हैं और भारत में साल २०००-२००६ के बीच औसत से कम वजन के बच्चों की संख्या (पांच साल से कम उम्र वाले) की तादाद ४४ फीसदी थी। यह रिपोर्ट १६ अक्तूबर २००९ के दिन जारी की गई।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में भोजन के अभाव से जूझ रहे लोगों की तादाद साल २००३-०५ के दौरान २१ फीसदी थी। भुखमरी की व्यापकता के लिहाज से भारत को रिपोर्ट में विकासशील राष्ट्रों के बीच २७ वें पादान पर रखा गया है यानी भुखमरी के लिए कुख्यात हो चले राष्ट्रों ईथोपिया और बुरुंडी के आसपास। बहरहाल रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के मामले में विकासशील राष्ट्रों के बीच ३ रे पादान पर है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन हुआ है, नतीजतन बड़े पैमाने पर लोग विस्थापित हुए हैं और विस्थापन के कारण भारत में एक बड़ी जनसंख्या गरीबी का शिकार हुई है। रिपोर्ट के अनुसार भारत के सिर्फ चार राज्यों में ही विकास परियोजनाओं के कारण कुल १० लाख ६० हजार लोग विस्थापित हुए हैं। रिपोर्ट का यह दावा अपने आप में काफी गंभीर है खासकर अगर हम इस दावे को पनबिजली परियोजनाओं, बड़े बांधों और विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाने के नाम पर सरकार द्वारा निर्दोष नागरिक पर किए जा रहे हालिया अत्याचार के संदर्भ में पढें। रिपोर्ट में नरेगा के प्रावधान की प्रशंसा करते हुए सुझाव दिया गया है कि इसका क्रियान्वयन ज्यादा प्रभावकारी ढंग से किया जाना चाहिए ताकि लाखों लोगों को सूखे और बाढ़ की सालाना चपेट से गरीबी के मकड़जाल में उलझने से बचाया जा सके।  

इस मुद्दे पर आगे जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक देखे जा सकते हैं।

Who’s Really Fighting Hunger? by Action Aid, 16 October, 2009,
http://www.actionaid.org/docs/hungerfree_scorecards.pdf

Mixed messages in hunger report, BBC, 16 October, 2009,
http://news.bbc.co.uk/2/hi/in_depth/8309979.stm

More than a billion hungry on World Food Day by Mark Doyle, BBC, 16 October, 2009,
http://southasia.oneworld.net/globalheadlines/more-than-a-billion-hungry-on-world-food-day

ActionAid’s HungerFREE Scorecard Investigates why a Billion People are Hungry, 16 October, 2009,
http://www.reliefweb.int/rw/rwb.nsf/db900SID/ASAZ-7WVGKC?OpenDocument#

Some poor nations succeeding in fighting hunger by The Associated Press, 16 October, 2009, http://www.nytimes.com/aponline/2009/10/16/world/AP-AF-Fighting-Hunger.html

Malawi sparkles in fighting hunger index by Taonga Sabola, 19 October, 2009, http://www.nationmw.net/newsdetail.asp?article_id=3567

Bangladeshranks 15th in fighting hunger,
http://www.theindependent-bd.com/details.php?nid=145918

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